हरियाणा में राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभ्यारण्य, वन्यजीव संरक्षण, पशु और पक्षी प्रजनन केंद्र, और हर्बल पार्क ||

हरियाणा के राष्ट्रीय उद्यान

हरियाणा का वन्यजीव और वन क्षेत्र मुख्य रूप से उत्तर में शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में और दक्षिण हरियाणा में अरावली पहाड़ी श्रृंखला में स्थित हैं। हरियाणा राज्य में, 2 राष्ट्रीय उद्यान (National Parks), 8 वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuaries), 2 वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र (Wildlife Conservation Areas), 4 पशु और पक्षी प्रजनन केंद्र (Animal & Bird Breeding Centers), 1 हिरण पार्क (Deer park) और 50 हर्बल पार्क हैं, जिनका प्रबंधन हरियाणा सरकार के वन विभाग, द्वारा किया जाता है।

एक राष्ट्रीय उद्यान के भीतर लोगों को भूमि अधिकरण व् पशुधन की चराई की अनुमति नही होती है जबकि एक अभयारण्य के अंदर भूमि पर अधिकार की अनुमति दी जा सकती है। एक अभयारण्य के अंदर पशुधन की चराई की अनुमति दी जा सकती है। एक अभयारण्य को राष्ट्रीय उद्यान के रूप में उन्नत किया जा सकता है। हालाँकि एक राष्ट्रीय उद्यान को अभयारण्य के रूप में डाउनग्रेड नहीं किया जा सकता है।

1. सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (Sultanpur National Park):

सुल्तानपुर का नाम चौहान राजपूत राजा सुल्तान सिंह चौहान के नाम पर रखा गया है, जो “हर्ष देव सिंह चौहान” के बड़े पोते हैं। सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान जो पहले सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य के नाम से जाना जाता था। ये उद्यान गुरुग्राम-झज्जर राजमार्ग पर सुल्तानपुर गाँव में स्थित है, जो गुरुग्राम, हरियाणा से 15 किमी दूरी पर स्थित है। ये राष्ट्रीय उद्यान 1.42 वर्ग किलोमीटर (142.52 हेक्टेयर) में फैला है।

सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य भारत का एक बहुत ही लोकप्रिय राष्ट्रीय उद्यान है। ये उद्यान प्रवासी पक्षीयो के लिए जाना जाता है यहा हर साल सर्दियों में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। यहा मुख्य रूप से पैडीफील्ड पिपिट, बैंगनी सनबर्ड, क्रीमोरेंट, भारतीय कॉर्मोरेंट, स्पूनबिल, ग्रे फ्रेंकोलिन, ब्लैक फ्रेंकोलिन, इंडियन रोलर, रेड-वैंटेड बुलबुल, रोज-रिंगेड पैराकेट, रेड-वॉटल्ड लैपविंग, शिकरा, यूरेशियन कॉलर वाले कबूतर, लाल कॉलर वाले कबूतर, चित्तीदार उल्लू और हरी मधुमक्खी देखने को मिलती है।

पक्षी अभयारण्य के रूप में, यह पीटर मिशेल जैक्सन, प्रसिद्ध ब्रिटिश पक्षी विज्ञानी और दिल्ली बर्डवॉचिंग सोसाइटी के मानद सचिव थे, जिन्होंने 1970 में भारत की प्रधान मंत्री, इंदिरा गांधी, को  झील के संरक्षण व् पक्षी अभयारण्य  के लिए आवेदन किया, किन्तु मांग को अस्वीकार कर दिया गया।बाद में लेकिन बाद में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल ने आर्द्रभूमि की रक्षा के लिए निर्देश दिया, जिसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र को 1972 में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया। 13 जुलाई 1989 को रिजर्व को राष्ट्रीय उद्यान में बदल दिया गया।

2. कलेसर नेशनल पार्क (Kalesar National Park):

कलेसर राष्ट्रीय उद्यान हरियाणा राज्य के यमुनानगर जिले में संरक्षित क्षेत्र हैं ये यमुनानगर पांवटा साहिब रोड से 25 किमी की दूरी में स्तिथ है जो की लगभग 53 किमीमें फैला है। ये हिमाचल प्रदेश में सिम्बलबारा नेशनल पार्क और उत्तराखंड में राजाजी नेशनल पार्क  से  लगा हुआ है। ये उद्यान तेंदुए, पैंथर्स, हाथियों और बर्ड-वॉचिंग के लिए लोकप्रिय स्थल है।

पार्क को 8 दिसंबर 2003 को 11,570 एकड़ क्षेत्र में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था। राष्ट्रीय उद्यान के निकट ही कलसर वन्यजीव अभयारण्य है और इसे 13 दिसंबर 1996 को अधिसूचित किया गया था, जिसका क्षेत्रफल 13,209 एकड़ था।

हरियाणा के वन्यजीव अभयारण्य Wildlife Sanctuaries of Haryana

1. भिंडवास वन्यजीव अभयारण्य (Bhindawas Wildlife Sanctuary):

भिंडवास वन्यजीव अभयारण्य और निकटवर्ती भिंडावास पक्षी अभयारण्य झज्जर जिले में स्थित है, जो झज्जर शहर से लगभग 15 किमी दूर है। हरियाणा सरकार ने 5 जुलाई 1986 को 411.55 हेक्टेयर क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया। यहा से साहिब नदी गुजरती है जो राजस्थान में अरावली पहाड़ियों से यमुना तक जाता है।

2. खपरवास वन्यजीव अभयारण्य (Khaparwas Wildlife Sanctuary):

खपरवास पक्षी अभयारण्य झज्जर जिले में एक पक्षी अभयारण्य है, जो दिल्ली के लगभग 80 किलोमीटर है। ये रिजर्व 82.70 हेक्टेयर में फैला है। हरियाणा सरकार ने आधिकारिक तौर पर 30 जनवरी 1987 को वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया। ये भिंडवास वन्यजीव अभयारण्य  से 1.5 किमी की दूरी में स्थित है।

3. नाहर वन्यजीव अभयारण्य (Nahar Wildlife Sanctuary):

नाहर वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा के रेवाड़ी जिले में स्थित है। यह रेवाड़ी से 36.9 किमी दूर है। यह 211.35 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसे नाहर नाम दिया गया है क्योंकि यह नाहर गांव (नाहड़ गांव) के अंतर्गत आता है। 30 जनवरी 1987 को आधिकारिक तौर पर इसे वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया। नाहर वन्यजीव अभयारण्य काला हिरन (Black Buck) के आवास  के रूप में जाना जाता है।

4. छिलछिला वन्यजीव अभयारण्य (Chhilchhila Wildlife Sanctuary):

छिलछिला वन्यजीव अभयारण्य, जिसे सेउंटी रिजर्व फॉरेस्ट के रूप में भी जाना जाता है, हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पास स्थित है। सर्दियों में यहा प्रवासी आर्द्रभूमि पक्षियों की 57 से अधिक  प्रजातियों आती है। इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत 1986 में बर्ड सैंक्चुअरी घोषित किया गया था।

5. सरस्वती वन्यजीव अभयारण्य (Saraswati Wildlife Sanctuary):

सरस्वती वन्यजीव अभयारण्य, जिसे सोनसर वन भी कहा जाता है, हरियाणा राज्य के कैथल जिले में स्थित है। यह 4,452.85 हेक्टेयर (11,003.2 एकड़) के क्षेत्र में फैला हुआ है। हरियाणा सरकार द्वारा 29 जुलाई 1988 को सरस्वती वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था।

6. अबूबशहर वन्यजीव अभयारण्य (Abubshahar Wildlife Sanctuary):

अबुबशहर वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा राज्य के सिरसा जिले में स्थित है। ये 11530.56 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। हरियाणा सरकार ने 30 जनवरी 1987 को आधिकारिक तौर पर इसे वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया।

7. खोल ही-रायतान वन्यजीव अभयारण्य (Khol Hi-Raitan Wildlife Sanctuary):

खोल हाय-रतन वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा राज्य के पंचकुला जिले में स्थित है। खोल हाय-रितान वन्यजीव अभयारण्य और बीर शिकारगाह वन्यजीव अभयारण्य एक दूसरे से केवल 3 किमी की दूरी पर हैं। हरियाणा सरकार ने 10 दिसंबर 2004 को आधिकारिक तौर पर इसे वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया है। यहा भारतीय तेंदुआ, एशियाई हाथी, चीतल (चित्तीदार हिरण), सांभर हिरण, जंगली सूअर, जसी जंगली प्रजातियां पाई जाती है।

8. बीर शिकारगाह वन्यजीव अभयारण्य (Bir Shikargah Wildlife Sanctuary):

बीर शिकारगाह वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा राज्य के पंचकुला जिले में स्थित है। यह 767.30 हेक्टेयर (1,896.0 एकड़) के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहा गिद्ध संरक्षण और प्रजनन केंद्र, (जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केँद्र) भी स्थित है। इसे 29 मई 1987 को वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया। इस अभयारण्य  में भारतीय तेंदुआ, एशियाई हाथी, चीतल (चित्तीदार हिरण), सांभर हिरण, जैसे कई प्रजातियां पाई जाती है।

9. असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य (Asola Bhatti Wildlife Sanctuary):

असोला-भट्टी वन्यजीव अभयारण्य दिल्ली-हरियाणा सीमा पर अरावली पहाड़ी श्रृंखला के दक्षिणी दिल्ली रिज पर 32.71 वर्ग किमी क्षेत्र को कवर करते हुए दक्षिणी दिल्ली के साथ ही फरीदाबाद और गुरुग्राम जिलों के उत्तरी हिस्से में स्थित है। असोला से पक्षियों की बड़ी संख्या के साथ औषधीय पौधों की लगभग 193 प्रजातियां हैं, जिनमें 80 से अधिक तितलियों की प्रजातियां, सैकड़ों अन्य कीड़े, स्तनधारी जैसे तेंदुए, नीलगाय (देश के सबसे बड़े एंटॉपोप), ब्लैकबक पाई जाती है।

हरियाणा में वन्यजीव संरक्षण गृह

  1. सरस्वती वन्यजीव संरक्षण गृह) : यह कैथल जिले में स्थित है। इसका कुछ हिस्सा कुरुक्षेत्र में भी आता है।
  • स्थापना – इसको 29 जुलाई 1988 को नोटिफाई किया गया और स्थापना 11 अक्टूबर, 2007 को की गई।
  • क्षेत्रफल – 4452.85 हेक्टेयर

इसे सोनसार जंगल के नाम से भी जाना जाता है।

  1. बीरबारा वन्यजीव संरक्षण गृह) : यह जींद से 5 किलोमीटर दूरी पर जींद-हांसी मार्ग पर स्थित है।
  • स्थापना – 11 अक्टूबर 2007
  • क्षेत्रफल – 419.26 हेक्टेयर

हरियाणा में प्रजनन केन्द्र

हरियाणा राज्य में मुख्य रूप से 5 पशु व पक्षी प्रजनन केंद्र हैं

1. मगरमच्छ प्रजनन केंद्र

यह भौर सैंदा (कुरुक्षेत्र) में स्थित है।

स्थापना – 1981-82

2.चिंकारा प्रजनन केंद्र

यह कैरु (भिवानी) में स्थित है।

स्थापना – 1985-86

3. तीतर प्रजनन केंद्र (फिसेंट प्रजनन केंद्र)

यह मोरनी (पिंजौर) में स्थित है।

स्थापना – 1991-92

4. मोर व चिंकारा प्रजनन केंद्र

यह झाबुआ (रेवाड़ी) में स्थित है।

स्थापना – 2011

5. गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र

यह पिंजौर में स्थित है।

स्थापना – वर्ष 2001

अन्य प्रजनन केंद्र

  • काला तीतर प्रजनन केंद्र – पीपली (कुरुक्षेत्र)
  • रेड जंगल फाउल प्रजनन केंद्र – पिंजौर (पंचकूला)
  • चिड़िया (गौरेया) प्रजनन केंद्र – मोरनी (पंचकूला)
  • हाथी पुनर्वास एवं अनुसंधान केंद्र – बनस्तौर (यमुनानगर)
  • ऊँट प्रजनन केंद्र – सिरसा
  • भेड़ प्रजनन केंद्र – हिसार
  • भैंस प्रजनन केंद्र – हिसार
  • अश्व प्रजनन केंद्र – हिसार
  • सूअर प्रजनन केंद्र – हिसार

हरियाणा में हिरण उद्यान

हरियाणा राज्य में 1 हिरण पार्क है, जो हिसार जिले में स्थित है।

  • स्थापना – 1970-71 में की गई 
  • क्षेत्रफल – 48 एकड़
  • मुख्य वन्यजीव – कृष्णमृग, चित्तीकदार हिरण, सांभर आदि।

हरियाणा में चिड़ियाघर

हरियाणा राज्य में 3 चिड़ियाघर है।

1.छोटा चिड़ियाघर, भिवानी

  • स्थापना – 1982-83 में की गई
  • क्षेत्रफल – 10.97 एकड़

भिवानी चिड़ियाघर का नवीकरण और विस्तार की आधारशिला 15 नवंबर 2006 को रखी गई।

2. छोटा चिड़ियाघर, पीपली

  • स्थापना – 1985-86
  • क्षेत्रफल – 41.29 एकड़

3. चिड़ियाघर, रोहतक

  • स्थापना – 1985-86
  • क्षेत्रफल – 27 एकड़

वन्यजीव संस्थान के बारे में अन्य महत्वपूर्ण तथ्य 

गिद्दों पर अध्ययन करने वाला भारत का पहला राज्य हरियाणा है।

फरीदाबाद और हिसार में विशेष पर्यावरण न्यायलयों की स्थापना की गई है। 

हरियाणा के फतेहाबाद जिले के 3 क्षेत्रों को सामुदायिक संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है।  

  •  शहीद अमृता देवी सामुदायिक संरक्षित क्षेत्र (गाँव धाँगड) – काले हिरनों के संरक्षण हेतु। 
  •  गुरु जमभेशवर सामुदायिक संरक्षित क्षेत्र (गाँव ढानी माजरा) – राष्ट्रीय पक्षी मोर व अन्य पक्षियों के संरक्षण हेतु। 
  •  गुरु गोरखनाथ सामुदायिक संरक्षित क्षेत्र (गाँव काजलहेड़ी) – इंडीयन शोफ्टशेल टर्टल के संरक्षण हेतु। 

नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी की स्थापना पिंजौर (पंचकूला) में की गई है।

हरियाणा के हर्बल पार्क 

पंचकूला जिले के हर्बल पार्क 

पंचकुला की पूरी जानकारी यह से देखे|| 08

कपूर वाटिका

यह DP-244 मल्लाह रोड पर पंचकूला के मोरनी के पास स्थित है इसकी स्थापना 2005-06 में की गई थी और यह लगभग 25 एकड़ में फैला हुआ है

थापली हर्बल पार्क

यह पंचकूला के थापली गांव में स्थित है यह लगभग 10 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2011-12 में कई गई थी

टिकर ताल हर्बल पार्क

यह पंचकूला के मोरनी नामक स्थान पर टिकर ताल झील के पास स्थित है यह 20 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना भी 2011-12 में की गई थी

 

अम्बाला जिले के हर्बल पार्क 

अम्बाला की पूरी जानकारी यह से देखे|| 07

हरड़ वाटिका 

यह अंबाला जिले की पुरानी ऑफिसर कॉलोनी में स्थित हैं यह 2005-06 में बनाया गया था और 5 एकड़ में फैला हुआ है

कैंट हर्बल पार्क

अंबाला पार्क

यह अंबाला जिले के अंबाला कैंट में स्थित है और यह 25 एकड़ में फैला हुआ है इनकी स्थापना 2009-10 में की गई थी

वक्त बोर्ड हर्बल पार्क

यह भी अंबाला जिले के अंबाला कैंट में स्थित है यह 5 एकड़ में फैला हुआ है और इसकी स्थापना 2011-12 में कई गई थी

शकंर हर्बल पार्क

यह अंबाला जिले के खेड़ा नामक गाँवके स्थित है इसकी स्थापना 2012-13 में की गई थी और यह लगभग 4 एकड़ में फैला हुआ है।

 

कुरुक्षेत्र जिले के हर्बल पार्क 

कुरुक्षेत्र जिले की पूरी जानकारी यह से देखे|| 06

अर्जुन वाटिका 

यह कुरुक्षेत्र के रामगढ़ गांव में स्थित है और इसकी स्थापना 2008-08 में की गई रही एयर यह 8 एकड़ में फैला हुआ है

 

यमुनानगर जिले के हर्बल पार्क 

यमुनानगर की पूरी जानकारी यह से देखे|| 09

चौधरी देवी लाल रुद्राक्ष वाटिका 

यह यमुनानगर जिले के चुहड़पुर कला गांव में स्थित है यह लगभग 184 एकड़ में फैला हुआ और इसकी स्थापना 2006-07 में की गई थी और यह हरियाणा का पहला व सबसे बड़ा हर्बल पार्क है

आदि बद्री हर्बल पार्क

यह यमुनानगर के आदि बद्री नामक स्थान पर स्थित है यह 10 एकड़के फैला ही है और 2009-10 में इसे बनाया गया था

कैथल जिले के हर्बल पार्क

कैथल जिले की पूरी जानकारी यह से देखे|| 05

जामुन वाटिका

यह सिसान गाँवके स्थित है और 25 एकड़ में फैली हुई है इसकी स्थापना 2007-08 में की गई थी

गुहना वाटिका

यह गुहना जिले में स्थित है और 5 एकड़ में फैली हुई है और इसकी स्थापना 2011-12 में की गई थी

 

करनाल जिले के हर्बल पार्क

करनाल जिला की पूरी जानकारी यह से देखे|| 10

अशोक वाटिका

यह करनाल जिले के घरौंडा नामक स्थान पर स्थित है और 5 एकड़ में फैली हुई है इसकी स्थापना 2008-2009 में की गई थी

इंद्री वाटिका

यह करनाल के इंद्री गांव में स्थित है और यह 10 एकड़ में फैली हुई है इसकी स्थापना 2011-12 में 1 की गई थी

 

पानीपत जिले के हर्बल पार्क

पानीपत जिला की पूरी जानकारी यह से देखे|| 11

बिल्वा वाटिका

यह पानीपत के पट्टी कल्याण गाँवके स्थित है और यह करीब 14 एकड़ में फैली हुई है इसे 2008-09 में बनवाया गया था

 

सोनीपत जिले के हर्बल पार्क

सोनीपत जिला की पूरी जानकारी यह से देखे|| 12

अमलतास वाटिका 

यह सोनीपत जिले के मुरथल में स्थित है और करीब 8 एकड़ में फैली हुई है और इसे 2008-09 में बनाया गया था

खानपुर हर्बल पार्क

यह सोनीपत जिले के गाँव खानपुर कला में स्थित है और लगभग 12 एकड़ में फैली हुई है और इसकी स्थापना 2009-10 में की गई थी

 

रोहतक जिले के हर्बल पार्क

रोहतक जिला की पूरी जानकारी यह से देखे|| 13

नीम वाटिका

यह रोहतक के समर गोपालपुर गाँव में स्थित है और 42 एकड़ में फैली हुई है और इसकी स्थापना 2008-09 में की गई थी

 

झज्जर जिले के हर्बल पार्क *

पुत्रन्जिवा वाटिका

यह कमलगढ़ गाँव में स्थित है और लगभग 8 एकड़ में फैली हुई है इसकी स्थापना 2008-09 में की गई थी

भिंडावास हर्बल पार्क

यह झज्जर के भिडावास जगह पर स्थित है और यह 5 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2009-10 में की गई थी

 

फरीदाबाद जिले के हर्बल पार्क

रतनजोत वाटिका

यह फरीदाबाद जिले में स्थित है और यह 10 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2008-09 में की गयी थी

 

गुरुग्राम जिले के हर्बल पार्क 

आंवला हर्बल वाटिका

यह गुरुग्राम के सोहना नामक स्थान पर स्थित है और 15 एकड़ में फैला हुआ है और इसकी स्थापना भी 2008-09 में की गई थी

 

महेंद्रगढ़ जिले के हर्बल पार्क

गूगल वाटिका

यह महेंद्रगढ़ जिले के सलीमाबाद गाँव में स्थित है और यह 35 एकड़ में फैला हुआ हैं |इसकी स्थापना 2008-09 में की गई थी

च्वयन ऋषि वाटिका

यह महेंद्रगढ़ जिले के ढोसी गाँव में स्थित है और यह 45 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2008-09 में की गई थी

करिया हर्बल पार्क

यह महेंद्रगढ़ जिले के करिया गाँव में स्थित है और यह 16 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2011-12 में की गई थी

खेरी हर्बल पार्क

यह महेंद्रगढ़ जिले के खेरी गाँव में स्थित है और यह 17 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2011-012 में की गई थी

फजलीपुर हर्बल पार्क

यह महेंद्रगढ़ जिले के फाजिलपुर गाँव में स्थित है और यह 16 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2011-12 में की गई थी

बछोड हर्बल पार्क

यह महेंद्रगढ़ जिले के बछोड गाँव मे स्थित है और यह 10 एकड़ में फैला हुआ है अभी इसका निर्माण कार्य चल रहा है।

महेंद्रगढ़ हर्बल पार्क

यह महेंद्रगढ़ जिले के फारेस्ट कॉम्लेक्स में स्थित है और यह 5 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2015-16 में की गई थी

मोहलरा हर्बल पार्क

यह महेंद्रगढ़ जिले के मोहलरा गाँव में स्थित है और यह 16 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2013-14 में की गई थी

बलाहा हर्बल पार्क

यह महेंद्रगढ़ जिले के बलाहा कला गाँव में स्थित है और यह 19 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2013-14 में की गई थी

कनीना हर्बल पार्क

यह महेंद्रगढ़ जिले के कनीना गाँव में स्थित है और यह 10 एकड़ में फैला हुआ है अभी इसका निर्माण कार्य चल रहा है

कोका हर्बल पार्क

यह महेंद्रगढ़ जिले के कोका गाँव में स्थित है और यह 10 एकड़ में फैला हुआ है अभी इसका निर्माण कार्य चल रहा है।

 

नूंह जिले के हर्बल पार्क

एलोविरा वाटिका

यह सीख गाँवके स्थित है और करीब 15 एकड़ में फैली है और इसे 2008-09 में बनाया गया था

घृतकुमारी वाटिका

 

रेवाड़ी जिले के हर्बल पार्क में

इंदिरा गाँधी मेमोर हर्बल पार्क

यह रेवाड़ी जिले के पाली गांव में स्थित है और 12 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2013-14 में की गई थी

शहीद भगत सिंह हर्बल पार्क

यह रेवाड़ी जिले के पाली गांव में स्थित है और 12 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2013-14 में की गई थी

खल्लीपुर हर्बल पार्क

यह रेवाड़ी जिले के खल्लीपुर गांव में स्थित है और 9 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2011-12 में की गई थी

गुरवारा हर्बल पार्क

यह रेवाड़ी जिले के गुरवारा गांव में स्थित है और 9 एकड़ में फैला हुआ है अभी इसका निर्माण कार्य चल रहा है

राजीव गांधी मेमोरियल हर्बल पार्क

यह रेवाड़ी जिले के मसानी बांध धारूहेड़ा में स्थित है और 15 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2011-12 में की गई थी

अदेका वाटिका

यह रेवाड़ी जिले के अदेका गांव में स्थित है और 18 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2011-12 में की गई थी

रामगढ़ वाटिका

यह रेवाड़ी जिले के रामगढ़ गांव में स्थित है और 4 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2011-12 में की गई थी

महात्मा गांधी मेमोरियल हर्बल पार्क

यह रेवाड़ी जिले के कर्णावास गांव में स्थित है और 6 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2011-12 में की गई थी

पाली हर्बल पार्क

यह रेवाड़ी जिले के पाली गांव में स्थित है और 12 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2013-14 में की गई थी

सर छोटू राम हर्बल पार्क

यह रेवाड़ी जिले के घुरकवास गांव में स्थित है और 6 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2013-14 में की गई थी

गुगोध वाटिका

यह रेवाड़ी जिले के गुगोध गांव में स्थित है और 6 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2013-14 में की गई थी

मीरपुर हर्बल पार्क

यह रेवाड़ी जिले के गुज्जर घटल गांव में स्थित है और 37 एकड में फैला हुआ है अभी इसका निर्माण कार्य चल रहा है।

सरदार वल्लभ भाई पटेल हर्बल पार्क

यह रेवाड़ी जिले के भुरथला गांव में स्थित है और 4 एकड़ में फैला हुआ है अभी इसका निर्माण कार्य चल रहा है

बाबा बन देव हर्बल पार्क

यह रेवाड़ी जिले के रायपुर गांव में स्थित है और 8 एकड़ में फैला हुआ है अभी इसका निर्माण कार्य चल रहा है.

भुरथला हर्बल पार्क

यह रेवाड़ी जिले के भुरथला गांव में स्थित है और 4 एकड़ में फैला हुआ है अभी इसका निर्माण कार्य चल रहा है

 

हिसार जिले के हर्बल पार्क

हिसार जिले की पूरी जानकारी यह से देखे|| 3

शतावरी वाटिका

हिसार जिले के बीड़ नामक स्थान पर स्थित है और लगभग 25 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2008-09 में की गई थी

सैन्य हर्बल पार्क

यह खांडाखेड़ी गांव में स्थित है और करीब 15 एकड़ में फैला हुआ है अभी इसका निर्माण कार्य चल रहा है

 

भिवानी जिले के हर्बल पार्क

स्वः सुरेन्द सिंह मेमोरियल हर्बल पार्क

यह भिवानी के कैरू नामक स्थान पर स्तिथ है और 65 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 2008-09 में की गई थी

स्वः सुरेन्द सिंह मेमोरियल हर्बल पार्क

यह भिवानी जिले के तोशाम में स्तिथ है और 45 एकड में फैला हुआ है उसकी स्थापना 2009-10 में की गई थी

 

सिरसा जिले के हर्बल पार्क

Sirsa जिले की पूरी जानकारी यह से देखे || 1

बहेड़ा वाटिका

यह सिरसा जिले के फुल्का गांव में स्थित है और 17 एकड़ में यह वाटिका फैली हुई है और इसकी स्थापना 2008-09 में कई गई थी

 

फतेहाबाद जिले के हर्बल पार्क

फतेहाबाद जिले की पूरी जानकारी यह से देखे|| 2

मुलेठी वाटिका

यह फतेहाबाद जिले के गिल्लाखेड़ा गांव में स्थित है और 14 एकड़ में फैली हुई है इसकी स्थापना 2009-10 में की गई थी इसे सुरेंद्र सिंह मेमोरियल हर्बल पार्क भी कहा जाता है

कंवर सेन गुप्ता हर्बल पार्क

यह फतेहाबाद जिले के टोहाना में स्थित है और करीब 25 एकड़ में फैला है अभी इसका निर्माण कार्य चल रहा है

 

जींद जिले के हर्बल पार्क

चंदन वाटिका

यह डी सी कॉलोनी गोहाना रोड पर स्थित है यह 16 एकड़ में फैली हुआ है और इसकी स्थापना 2008-09 में की गई थी

कहुस्न हर्बल पार्क

यह जींद जिले के कस्न गांव में स्थित है यह 20 एकड़ में फैला हुआ है और इसकी स्थापना 2008 09 में की गई थी

 

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न हरियाणा के हर्बल पार्क (Famous Herbal Park of Haryana)

सबसे अधिक हर्बल पार्क वाला जिला रेवाड़ी व महेंद्रगढ़, 15

हरियाणा का पहला व सबसे बड़ा हर्बल पार्क, चो देवी लाल ररुद्राक्ष वाटिका, चुहपुर यमुनानगर 6 नवंबर 2001 की इसकी स्थापना की गई थी

दुनिया का सबसे बड़ा हर्बल पार्क कहाँ बनाया जा रहा है, मोरनी, पंचकूला

हरियाणा हर्बल व मेडिसिनल प्लांट बोर्ड कब गठन किया गया: 2002 में इसका मुख्यालय पंचकूला

 

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