कैथल जिले की पूरी जानकारी यह से देखे|| 05

HARYANA DARSHAN

जिला कैथल

  • कैथल की स्थापना 01 नवम्बर 1989 –
  • कैथल का मुख्यालय कैथल में ही स्थित है।
  • कैथल का क्षेत्रफल 2371 वर्ग किलोमीटर
  • कैथल का उपमंडल कैथल, गुहला कलायत
  • कैथल की तहसील – कैथल, गुहला, कलायत और पुण्डरी
  • कैथल की उप-तहसील राजद ढांड और सीवन –
  • कैथल में खंड – कैथल, गुहला, कलायत, पूंडरी, सीवन, राजौंद
  • कैथल की कुल जनसंख्या 1,074,304 (2011) की जनगणना के अनुसार
  • कैथल की साक्षरता दर 69.15 प्रतिशत (2011) की जनगणना के अनुसार
  • कैथल का लिंग अनुपात – 881/1000 • कैथल का जनसंख्या घनत्व – 464 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
  • कैथल का विद्रोह 1843 • नदियाँ घग्घर व सरस्वती
  • मुख्य फसल गेहूं व् चावल
कैथल जिले के उपनाम
  • हरियाणा की छोटी काशी 
  • कपिल मुनि की नगरी
  • गुरुद्वारों का शहर
  • कपिल स्थल 
  • हनुमान जी की जन्म स्थली
इतिहास
 
  • पुराणों के अनुसार इसकी स्थापना युधिष्ठिर ने की थी। इसे वानर राज हनुमान का जन्म स्थान भी माना जाता है। इसीलिए पहले इसे कपिस्थल के नाम से जाना जाता था।
  • आधुनिक कैथल पहले करनाल जिले का भाग था। लेकिन 1973 ई. में यह कुरूक्षेत्र में चला गया। बाद में हरियाणा सरकार ने इसे कुरूक्षेत्र से अलग कर 1 नवम्बर 1989 ई. को स्वतंत्र जिला घोषित कर दिया
  • Note –
  •  कैथल रियासत के अंतिम शासक उदय सिंह थे
  • उदय सिंह का किला कैथल में है
  • कैथल रियासत के अंतिम कवि संतोष सिंह थे
  • हरियाणा का पहला पशु विज्ञानं केंद्र कैथल में है 
  • चौशाला गांव की पंचायत ने घूँघट के विरुद्ध अभियान चलाया था ऐसा करने वाली यह हरियाणा की पहली पंचायत हैं।
  • नोट- भिवानी को हरियाणा की काशी और कैथल को हरियाणा की छोटी काशी कहा जाता है
  • नवग्रह कुंड कैथल में है और नवग्रह कुंड के कारण ही कैथल को हरियणा की छोटी काशी कहा जाता है 
  • गुहला चीका – इसका पुराना नाम गुलशहर था और इस गांव में इच्चकदाना का किला है और इस गांव में ही महाभारत कालीन घाट है 
  • कैथल का सबसे पुराना कॉलेज- राधा कृष्ण सनातन धर्म कॉलेज 1954 में बना था
  • पुण्डरीक ऋषि का संबंध पुण्डरी से है यहाँ पर नीम शाहिब गुरुद्वारा है 
  • कपिल ऋषि का संबंध कलायत से है और कलायत नगरी, कपिल मुनि की तपोस्थली है।
  • फल्गु तीर्थ कैथल में है और फल्गु का मेला पुण्डरी में लगता है जो कैथल में है |
  • लव कुश तीर्थ भी कैथल में है मुंदडी गांव में
  • मुंदड़ी गांव में ही संस्कृत विश्वविद्यालय है।
  • अंजलि का किला पुण्डरी में है
  • 11 रुद्री शिव मंदिर कैथल में है
  • शाह कमाल की मज़ार कैथल में है
  • रजिया सुल्तान का मकबरा कैथल में है ये दिल्ली सल्तनत की पहली महिला शासक थी
  • अल्तुनिया का मकबरा कैथल में है
  • कैथल नेशनल हाईवे 52 पर है

कैथल का किला

  •  पुराना शहर एक किले के रूप में हैं। किले के चारों ओर सात तालाब तथा आठ दरवाजे हैं। दरवाजों का नाम है सीवन गेट, माता गेट, प्रताप गेट, डोगरा गेट, चंदाना गेट, रेलवे गेट, कोठी गेट, क्योड़क गेट कैथल से 3 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव प्यौदा स्थित है जिसने भाई साहब को कर देने से मना कर दिया था और बुजुर्गों की एक कहावत भी है इसमें भाई साहब की मां कहती थे की बेटा पैर पेशार ले फिर भाई साहब कहते थे की मां पैर कैसे पेशारू आगे प्यौदा अडा है? गांव प्यौदा ने भाई साहब को कर नहीं दिया था

कैथल के चारो और 8 दरवाजे है जिनके नाम है:

  • जीवन गेट
  • माता गेट
  • प्रताप गेट
  • डोगरा गेट
  • रेलवे गेट
  • कोठी गेट
  • चांटना गेट
  • क्योड़क गेट

कैथल वन्य जीव अभ्यारण

  • सरस्वती वन्य जीव अभयारण्य (स्योंसर का जंगल) हिरन के लिए प्रसिद्ध, हरियाणा राज्य के कैथल जिले में स्थित है। यह 4,452.85 हेक्टेयर (11,003.2 एकड़) के क्षेत्र में फैला हुआ है। हरियाणा सरकार द्वारा 29 जुलाई 1988 को सरस्वती वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था

 कैथल के गुरुद्वारे:

  • नीम साहिब गुरुद्वारा 
  • टोपियों वाला गुरुद्वारा
  • मंजी साहिब गुरुद्वारा
  • गुरु नानक देव जी का गुरुद्वारा
  • कैथल के स्टेडियम :
  • इनडोर स्टेडियम
  • महाराजा सूरजमल जाट स्टेडियम कैथल में स्थित है

कैथल के व्यक्ति:

  • ममता सौदा 2019 में इन्होने इंडोनेशिया की पहाड़ियों पर चढाई की थी – • मोहन सिंह मंढार : इन्होने 1530 में बाबर के विरुद्ध विद्रोह किया था
  • सरदारी बेगम हरियाणा की पहली महिला सांगी

कैथल में पर्यटन स्थल

 

  • विद्याॠसर सरोवर
  • अंजनी का टीला
  • बिदक्यार (वृद्ध केदार) झील
  • नवग्रह कुंड
  • ग्यारह रुद्री मंदिर
  • रजिया सुल्तान की कब्र
  • फलगू तालाब ईंटों से बने मन्दिर
  • देवी मंदिर फतेहपुर
  • शीतला माता मंदिर
  • कपिल मुनी मंदिर कलायत
  • रीनामोचना तीर्थ रसिना
  • कोटिकुट तीर्थ- क्योड़क

कैथल के प्रसिद्ध मंदिर

 

  • ग्यारह रुद्री शिव मंदिर इस मंदिर में महाभारत काल में अर्जुन ने शिव को प्रसन्न कर उनसे – पाशुपतास्त्र प्राप्त किया था। इस मंदिर के वर्तमान भवनों का निर्माण लगभग 250 वर्ष पहले तत्कालिक शासक उदय सिंह की पत्नी ने करवाया था।
  • अंबकेश्वर महादेव मंदिर कैथल में स्थिति अबकेश्वर महादेव मंदिर की गिनती अति प्राचीन मंदिरों में की जाती है। यहां स्थित शिव लिंग को पातालेश्वर और स्वयं लिंग भी कहा जाता है। गीता मंदिर, राधेश्याम मंदिर पंडरी में स्थित है प्राचीन ईटों मंदिर कलायत में स्थित है

बाबा लदाना

  • बाबा लदाना कैथल से 10 किलोमीटर दूर बाबा लदाना राजपुरी का जन्म स्थान है।
  • इस स्थान पर बाबाजी ने कठोर तपस्या करके सिद्धि पायी थी।
  • इस स्थान पर बाबाजी की समाधि है और एक तालाब है।

फल्गु तालाब / तीर्थ

  •  यह तालाब ऋषि फल्गु को समर्पित है।
  • पुन्दरी तालाब इसी के पास स्थित है। यह तालाब महाभारत कालीन है।
  • फल्गु मेला सोमवार अमावस्या को लगता है।

फतेहाबाद जिले की पूरी जानकारी यह से देखे|| 2

कपिल मुनि का आश्रम कलायत में

देवजी का मंदिर (इसे गुफा वाला मंदिर भी कहा जाता है)

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