
जिला पंचकूला
- पंचकूला की स्थापना 15 अगस्त 1995
- पंचकूला का मुख्यालय पंचकूला में ही स्थित है|
- पंचकूला का क्षेत्रफल – 816 वर्ग किलोमीटर
- पंचकूला का उपमंडल पंचकुला और कालका
- पंचकूला की तहसील पंचकुला, कालका
- पंचकूला की उप-तहसील बरवाला, मोरनी और रायपुर रानी
- पंचकूला की कुल जनसंख्या – 5,58,890 (2011) की जनगणना के अनुसार
- पंचकूला की साक्षरता दर 83.4 प्रतिशत (2011) की जनगणना के अनुसार पंचकूला का लिंग अनुपात – 870/1000
- पंचकूला का जनसंख्या घनत्व 622 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
पंचकूला जिले के उपनाम
- नदियों का शहर
- नैनो सिटी
- ड्राई सिटी
- 5 कूप
- पेरिस ऑफ़ हरियाणा
Note
- पंचकूला का प्राचीन नाम पंचकूम है
- पंचकूला का नाम पंचकूला क्यों पड़ा पांच झरनों के कारण
- पिंजौर का प्राचीन नाम -पंचमपुर है
- यहाँ भीमा देवी का मंदिर है जो पिंजौर में है इसे उत्तर भारत का खुजराहो का मंदिर कहते है
- उत्तर भारत का नंदन वन यादवेंद्र गार्डन को कहते है ये भी पिंजौर में है इसका निर्माण फिदई खान कोका ने करवाया था यादवेंद्र गार्डन को मुग़ल गार्डन भी कहते है और पिंजौर गार्डन भी कहते है
- पिंजौर गार्डन यानि यादवेंद्र गार्डन में आम का मेला लगता है जिसकी शुरुआत 1992 में हुई थी
- HMT की फैक्टरी भी पिंजौर में है
- एशिया का सबसे बड़ा कैक्टस गार्डन पंचकूला में है
- पंचकूला को ट्राई सिटी कहा जाता है।
- सर्वाधिक वन क्षेत्र पंचकूला में है
- मोरनी की पहाड़िया पंचकूला में है और मोरनी की सबसे ऊंची चोटी करोह है। जिसकी ऊंचाई 1514 मीटर हैं.
- अंतरराष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय पंचकूला में है
- टिक्कर ताल झील पंचकूला में है
- Emergency Bike Ambulance Seva पंचकूला में है और इसे आरोग्य नाम दिया गया है।
- पंचकूला हरियाणा की प्रशासनिक राजधानी है। हरियाणा की पहली सेब मंडी पंचकूला में है
- हरियाणा पुलिस का पहला महिला पुलिस थाना पंचकूला में है
- पंचकूला को टीचर होम कहा जाता है
- ज्ञानेंद्र जैन गुरुकुल भी पंचकूला में हैं।
- नोट : कालका से शिमला Toy Train चलती है • कालका पंचकूला में है और कालका का प्राचीन नाम कालकूट है
- कालका रेलवे लाइन की शुरुआत 1893 में हुई लेकिन 1903 में यह बन कर तैयार हुई और 1906 में जनता के लिए इसे खोला गया
- कालका रेलवे लाइन को 2006 में विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया
- हरियाणा स्टेट आरकावाईज पंचकूला में स्थित है।
- यह केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ का सेटेलाइट शहर है।
- 23 अक्टूबर 2010 को पंचकूला में लघुकथा सम्मेलन सम्पन्न हुआ था।
- पंचकूला में युवा होटल का निर्माण किया गया है, जिसमें युवा पर्यटकों को सस्ती दरों पर आवास सुविधाएं प्रदान की जाती है।
- गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र 2006 में पिंजोर में बनाया गया था।
- रेड जंगल फाउल प्रजनन केंद्र भी पिंजौर में हैं।
- फिसेन्ट प्रजनन केंद्र मोरनी (पंचकूला) में स्थित है।
- ताऊ देवी लाल स्टेडियम, नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी, लॉन टेनिस व बेडमिंटन अकेडमी, पालतू पशु चिकित्सा केंद्र व प्रशिक्षण चिकित्सालय, सिंचाई विभाग का मुख्यालय, बीज प्रमाणीकरण संस्था का मुख्यालय, टीचर होम, ट्राई सिटी, टिककर ताल, मोनिटरिंग स्टेशन (पवन ऊर्जा मापन), रेड बिशप, पुरातत्व विभाग अंतराष्ट्रीय संग्रहालय आदि पंचकूला (Panchkula) में अवस्थित है।
पंचकूला के मुख्यालय
- पंचकूला में सिंचाई विभाग का मुख्यालय है
- HSSC और HPSC का मुख्यालय है।
- हरियाणा साहित्य अकादमी का मुख्यालय है।
- UHBVN का मुख्यालय पंचकूला में है
पंचकूला में उद्योग
- यहाँ के प्रमुख उद्योग हिंदुस्तान मशीन टूल्स (h m t) पिंजौर, भुपेन्द्रा सीमेंट का कारखाना, भारत इलेक्ट्रिकल्स आदि है। जिले के पिंजोर में स्थित हिंदुस्तान मशीन टूल्स में ट्रैक्टर के कलपुर्जो का निर्माण होता है।
पंचकूला के मंदिर
कालका देवी मंदिर
- काली माता मंदिर राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर स्थित है। यह कालका शहर से होकर गुज़रता है। यह प्राचीन मंदिर काली देवी को समर्पित है और हिंदू तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। नवरात्रि उत्सव के दौरान यहाँ भारी भीड़ होती है। इस क्षेत्र के हिंदू तीर्थ स्थानों में यह बहुत लोकप्रिय है। इस मंदिर का केवल धार्मिक महत्व ही नहीं है बल्कि पौराणिक महत्व भी है। यह मंदिर महाभारत काल से संबंधित है। ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने उनके अज्ञातवास के दौरान इस मंदिर का निर्माण किया था। भगवान शिव की पूजा पूरे पंचकूला में लोकप्रिय है। भगवान शिव के साथ देवी शक्ति की भी पूजा होती है। इस देवी को दुर्गा, कालिका, चंडी, नैना, मनसा, शारदा, अंबिका, काली और भवानी आदि नामों से भी पुकारा जाता है। कालका हिमाचल प्रदेश के प्रवेशद्वारों में से एक है। यह चंडीगढ़ से 14 कि.मी. दूर है तथा कालका-शिमला रेलवे का अंतिम बिंदु है। इस शहर का नाम इस काली देवी मंदिर से ही लिया गया है। 103 सुरंगों से होकर गुजरने वाली रेल यात्रा एक आरामदायक और रोमांचक विकल्प है।
मनसा देवी मंदिर
- यह मंदिर Panchkula में स्थित है। यह मंदिर हरियाणा के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह 1815 ई० में मनीमाजरा के शासक महाराजा गोपालसिंह ने बनवाया था। प्रतिवर्ष चैत्र व अशिवनी में शारदीय नवरात्रा के दिनों में यहाँ मेला लगता है। यहाँ हरियाणा सरकार द्वारा यात्रिका जिसे जटायु कहा जाता है, आयोजित की जाती है।
- मन्दिर की देखभाल हेतु श्री माता मनसा देवी श्राइन एक्ट 1991 के अधीन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड का Panchkula में गठन किया गया है।
- इस मंदिर के पास ही पटियाला मन्दिर भी स्थित है, जो महाराजा पटियाला सिख करम सिंह ने 1840 में बनवाया था।
भीमा देवी मंदिर
- यह पिंजौर में पिंजौर उद्यान के निकट स्थित है। यह मंदिर भी हरियाणा के प्रमुख मंदिरोंमें गिना जाता है। यह पंचायतन शैली का शिव मंदिर है। नसीरुद्दीन महमूद ने इस मंदिर को 1254 ई० में नष्ट कर दिया था। इनकी शैली भुवनेश्वर व खजुराहो के मंदिरों से मिलती है। यह संरक्षित स्मारक है।
चंडी मन्दिर कॅटोनमेंट
- यह Panchkula के पास स्थित है। यह भारतीय थल सेना की पश्चिमी कमान का मुख्यालय है।
पंचकूला के पर्यटन स्थल
- मोरनी की पहाड़ियाँ
- यादवेंद्र गार्डन
- रेड बिशप
पंचकूला के किले
- रामगढ़ का किला
- रानीपुर का किला
पंचकूला के वन्य जीव अभ्यारण्य
- वीर शिकारगढ़ यह अभ्यारण्य पंचकूला में अवस्थित है। इसे वर्ष 1975 में अभ्यारण्य बनाया गया था। यहाँ सांबर, चील, नीलगाय आदि देखने को मिलते है।
- खौल ही रैतान यह पंचकूला जिले में स्थित है। यहां पर चीतल, जंगली बिल्ली, सियार, जंगली बंदर पाए जाते हैं। (10.93 वर्ग किलोमीटर)
पंचकूला के प्रजनन केंद्र
- गिद्ध संरक्षण और प्रजनन केंद्र
- कला तीतर प्रजनन केंद्र
- चिड़िया प्रजनन केंद्र
- रेड जंगल फाउल प्रजनन केंद्र
- फीसेंट प्रजनन केंद्र
पंचकूला के मेले
- काली माई का मेला
- बैशाखी महोत्सव, पिंजौर
- आम मेला पिंजोर
- पिंजौर परम्परा मेला
पंचकूला के गुरूद्वारे
- गुरुद्वारा नाडा साहिब : यह घग्घर नदी के किनारे Panchkula में स्थित है। गुरु गोविंद सिंह भागनी की लड़ाई में विजय के बाद अपनी सेना के साथ यहाँ ठहरे थे। गुरु गोविंद सिंह के अनुयायी नाडु शाह लुबाना ने उनका स्वागत किया व उनकी सेवा की थी हर महीने की पूर्णमासी को श्रद्धालु यहां आते है।
पंचकूला में पर्वत श्रृंखला
- ब्रह्मा हिमालय का पहाड़ी क्षेत्र इसमे शिवालिक श्रेणियां फैली है। जिले की मोरनी पहाड़ियों में स्थित करोह 1514 मीटर ऊंचा स्थान राज्य का सर्वोच्च ऊंचा स्थान है। यहाँ चीड़ देवदार वृक्ष पाए जाते है।
- कैक्टस गार्डन यह एशिया का सबसे बड़ा कैक्टस गार्डन है। इसके मुख्य आर्टिटेक्ट डॉ० जे० एस० सरकारिया है। मार्च माह में यहाँ प्रतिवर्ष केक्टस शो आयोजित किया जाता हैं |
इतिहास
- पंचकूला जिले का गठन 15 अगस्त 1995 को जिले की पंचकूला और कालका तहसीलों को मिलाकर किया गया था
- पंचकूला का यह नाम यहाँ की पांच सिंचाई नहरों के कारण पड़ा जिसमें घग्घर से पानी आता है। यह पानी नाडा साहिब से मनसा देवी तक वितरित होता है।
- Panchkula जिले का धरातल पहाड़ी है। जिले में ऐसे बहुत से स्थान स्थित है, जोकि महाभारत काल में पांडवों से जुड़े हुए है। पंचकूला जिले की जलवायु उष्णकटिबंधीय महाद्वीपीय ठंडी, गर्म है, यहाँ की मूल नदी घग्घर है। इसे पहले सरस्वती नदी के नाम से जाना जाता था।
- पंचकूला अम्बाला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है, यह नगर आधुनिक सेक्टरों में विभाजित है। इसमें दो औद्योगिक क्षेत्र तथा एक कैक्टस उद्यान है। पंचकूला में उष्ण कटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते है। Panchkula जिला हिमालय बाउंड्री फॉल्ट जॉन में होने के कारण भूकम्पीय प्रभावित क्षेत्र है। Panchkula की प्रति व्यक्ति आय हरियाणा के अन्य जिलों की तुलना में सर्वाधिक है।
पंचकूला से संबंधित अन्य जानकारी
पिंजौर
- पिंजौर एक प्राचीन धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल है। पिंजौर का सम्बद्ध पांडवो से भी रहा है, वनवास के दौरान हिमालय पर जाते हुए कुछ समय के लिए पांडवों ने यहाँ निवास कि यहाँ निवास किया था। उस समय इसका नाम पँचपुरा था, जो बाद में पिंजौर पड़ा।
- पिंजौर मुगल गार्डन से भी प्रसिद्ध है। यह हरियाणा के प्रमुख स्थलों में से एक है। यह उतरी भारत का पुराना एवं महत्वपूर्ण गार्डन है। इसे 17वी शताब्दी में औरंगजेब के एक वास्तुविद फिदाई खां ने बनाया था। फिदाई खां के चले जाने के बाद सिरमौर के राजा ने इस पर अधिकार कर लिया। 1775 में इसे पटियाला के महाराजा अमरसिंह ने सिरमौर के राजा से खरीद लिया था।
- हरियाणा सरकार ने इसका कायाकल्प कर दिया है तथा इसका नाम पटियाला रियासत के महाराजा यादवेंद्र के नाम पर यादवेंद्र उधान रखा है। यहाँ भीमा देवी का मंदिर भी है, जिसका सम्बन्द्ध पांडवों से है।
- पिंजोर शहर में इसके बाग बगीचों की पुरानी विरासत को मनाने के लिए सन 2006 से पिंजोर विरासत उत्सव आयोजित किया जाता है।
- पिंजौर गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र एशिया का प्रथम गिद्ध संरक्षण केंद्र है। यहाँ विश्व के सर्वाधिक गिद्ध पाये जाते है।
मोरनी हिल्स
- यह हिमालय की शिवालिक श्रेणी में स्थित है। यहाँ मोरनी हिल्स गांव समुद्र तल से 1220 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। यहाँ खण्डहर रूप में एक पुराना किला स्थित है। यहाँ स्थित दो झीलें हिल्स को दो भागों में बांटती है। इसे पहाड़ियों की रानी के नाम से भी जाना जाता है।
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