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बजट 2022-23 की मुख्य विशेषताएं

बजट की मुख्य झलकियां 

  • व्यय: 2022-23 में सरकार ने 39,44,909 करोड़ रुपए के व्यय का प्रस्ताव रखा है जोकि 2021-22 के संशोधित अनुमान से 4.6% अधिक है। 2021-22 में कुल व्यय बजट अनुमान से 8.2% अधिक अनुमानित है।
  • प्राप्तियां: 2022-23 में प्राप्तियां (उधारियों के अतिरिक्त) 22,83,713 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 4.8% अधिक है। 2021-22 में कुल प्राप्तियां (उधारियों के अतिरिक्त) बजट अनुमानों के मुकाबले 10.2% अधिक अनुमानित हैं।
  • जीडीपी: 2022-23 में सरकार ने 11.1% की नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर (यानी वास्तविक वृद्धि जमा मुद्रास्फीति) का अनुमान लगाया है।
  • घाटे: 2022-23 में राजस्व घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 3.8% पर लक्षित है, जो 2021-22 में 4.7% के संशोधित अनुमान से कम है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 6.4% पर लक्षित है, जो 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद के 6.9% के संशोधित अनुमान से कम है (जीडीपी के 6.8% के बजट अनुमान से कुछ अधिक)। 9,40,651 करोड़ रुपए का ब्याज व्यय राजस्व प्राप्तियों का 43% होने का अनुमान है।
  • अतिरिक्त बजटीय संसाधन: कई वर्षों के बाद बजट ईबीआर या राष्ट्रीय लघु बचत कोष के लोन्स पर निर्भर नहीं है।
  • मंत्रालय के आबंटन: 2022-23 में सर्वाधिक आबंटन वाले 13 प्रमुख मंत्रालयों में से संचार मंत्रालय (93%), सड़क परिवहन एवं राजमार्ग (52%), और जल शक्ति मंत्रालय (25%) के आबंटनों में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है।

फाइनांस बिल में मुख्य कर प्रस्ताव

  • इनकम टैक्स: व्यक्तियों और निगमों के लिए आय कर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
  • लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (एलटीसीजी) पर सरचार्ज: वर्तमान में लिस्टेड इक्विटिज़ और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर एलटीसीजी पर 15% सरचार्ज लगता है। अगर आय 2 करोड़ रुपए से 5 करोड़ रुपए के बीच है, तो 25% और अगर आय 5 करोड़ रुपए से ज्यादा है तो 37% सरचार्ज लगता है। बजट में सभी सरचार्ज अधिकतम 15% करने का प्रस्ताव रखा गया है।
  • वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर कर: क्रिप्टोकरंसियों और नॉन-फंजीबल टोकन्स के हस्तांतरण पर होने वाली आय पर 30% की दर से कर वसूला जाएगा। इन हस्तांतरणों से हुए नुकसान की भरपाई किसी अन्य आय से नहीं की जा सकती, न ही इसे आने वाले वर्षों में कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता है।
  • इनकम का अपडेटिंग रिटर्न: टैक्सपेयर को आकलन वर्ष के अंत से दो वर्षों के भीतर इनकम का अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की अनुमति है। अगर यह आकलन वर्ष के बाद के वर्ष में फाइल किया गया तो उन्हें कर और देय ब्याज पर 25% और दूसरे वर्ष में 50% जुर्माना देना होगा।
  • सहकारी समितियां: सहकारी समितियों के लिए वैकल्पिक न्यूनतम कर 18.5% से घटाकर 15% किया जाएगा। जिन सहकारी समितियों की आय एक करोड़ से 10 करोड़ रुपए के बीच है, उसका सरचार्ज 12% से घटाकर 7% किया जाएगा।
  • नई कंपनियां और स्टार्ट-अप्स: अगर नई घरेलू कंपनियां 31 मार्च, 2023 से मैन्यूफैक्चरिंग शुरू कर रही हैं तो उनके पास 15% की दर से कर चुकाने का विकल्प है (किसी कटौती का दावा न करने पर)। कुछ प्रकार के स्टार्ट-अप्स के पास पहले दस वर्षों में से किन्हीं तीन वर्षों के लिए टैक्स हॉलिडे का विकल्प होता है, अगर वे 1 अप्रैल, 2022 तक निगमित हो गई हैं। इन दोनों समय सीमाओं को एक वर्ष तक बढ़ा दिया गया है।
  • कस्टम्स ड्यूटी में परिवर्तन: 500 से अधिक वस्तुओं पर कस्टम्स ड्यूटी बदल दी गई है। कई कस्टम्स ड्यूटीज़ को चरणबद्ध तरीके से खत्म किया जा रहा है।

फाइनांस बिल में गैर कर प्रस्ताव

  • आरबीआई डिजिटल करंसी जारी कर सके, इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक एक्ट, 1934 में संशोधन किया जा रहा है।

नीतियों की झलक 

  • विधायी प्रस्ताव: स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स एक्ट, 2005 के स्थान पर एक नया कानून लाया जाएगा, जिससे राज्य उद्यमों और सर्विस हब्स के विकास में भागीदार बन सकें। इनमें सभी मौजूदा और नए औद्योगिक एन्क्लेव्स शामिल होंगे। कृषि वानिकी और निजी वानिकी को बढ़ावा देने के लिए विधायी परिवर्तन किए जाएंगे। सीमा पारीय इनसॉल्वेंसी रेज़ोल्यूशन के लिए इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी संहिता में संशोधन किए जाएंगे।
  • राजकोषीय प्रबंधन: एयर इंडिया की देनदारियों का निपटान करने के लिए 2021-22 में 51,971 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
  • एमएसएमईज़: इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है और इसका गारंटी कवर 50,000 करोड़ रुपए किया गया है। अब कुल पांच लाख करोड़ रुपए का गारंटी कवर है। दो लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त ऋण की सुविधा के लिए सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों हेतु क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट को नया रूप दिया गया है।
  • स्वास्थ्य एवं पोषण: आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम के लिए ओपन प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य प्रदाताओं और स्वास्थ्य केंद्रों की डिजिटल रजिस्ट्रीज़, यूनीक हेल्थ आइडेंटिटी, कंसेंट फ्रेमवर्क और स्वास्थ्य केंद्रों का यूनिवर्सल एक्सेस शामिल होगा। मेंटल हेल्थ की उत्तम दर्जे की काउंसिलिंग और केयर सर्विसेज़ देने के लिए एक नेशनल टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू किया जाएगा।
  • नदियों को जोड़ना: 44,605 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से केन-बेतवा लिंक प्रॉजेक्ट को लागू किया जाएगा। नदियों के पांच और लिंकिंग प्रॉजेक्ट्स को लागू किया जा रहा है।
  • श्रम और रोजगार: डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एंड लाइवलीहुड (देश) स्टैक ई-पोर्टल को शुरू किया जाएगा। यह पोर्टल नागरिकों को कौशल सीखने, क्रेडेंशियल्स हासिल करने और उपयुक्त नौकरियां खोजने में मदद करेगा।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर: नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन में परिवहन और लॉजिस्टिक्स से जुड़े प्रॉजेक्ट्स को पीएम गतिशक्ति फ्रेमवर्क से जोड़ा जाएगा। इस फ्रेमवर्क को पिछले वर्ष शुरू किया गया था। पूर्वोत्तर में विकास परियोजनाओं को वित्त पोषित करने के लिए पूर्वोत्तर परिषद के जरिए प्राइम मिनिस्टर्स डेवलपमेंट इनीशिएटिव फॉर नॉर्थ ईस्ट (पीएम-डिवाइन) को लागू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋणों के रूप में एक लाख करोड़ रुपए आबंटित किए जा रहे हैं।
  • सड़क मार्ग: 2022-23 में एक्सप्रेसवेज़ के लिए पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। 2022-23 में राष्ट्रीय राजमार्गों के नेटवर्क को 25,000 किलोमीटर बढ़ाया जाएगा।
  • रेलवे: स्थानीय व्यवसायों और आपूर्ति श्रृंखलाओं की मदद के लिए वन-स्टेशन-वन-प्रोडक्ट कॉन्सेप्ट को लागू किया जाएगा। अगले तीन वर्षों के दौरान 400 नई वंदे भारत ट्रेनों का विकास और निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अगले तीन वर्षों के दौरान मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के लिए 100 कार्गो टर्मिनल भी विकसित किए जाएंगे।
  • टेलीकॉम: 2022-23 में 5जी मोबाइल सेवाओं के रोलआउट के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी। 5जी के लिए इकोसिस्टम बनाने हेतु डिजाइन आधारित मैन्यूफैक्चरिंग की एक योजना शुरू की जाएगी जोकि प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) योजना का हिस्सा होगी।
  • ऊर्जा और पर्यावरण: इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी स्वैपिंग नीति लागू की जाएगी। कोयला गैसीकरण करने और उद्योग के लिए कोयले को रसायनों में बदलने हेतु चार पायलट परियोजनाओं की स्थापना की जाएगी। ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए संसाधन जुटाने हेतु 2022-23 में सोवरिन ग्रीन बॉन्ड्स जारी किए जाएंगे।

2021-2022 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2022-23 के बजट अनुमान 

  • कुल व्यय: 2022-23 के दौरान सरकार द्वारा 39,44,909 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान से 4.6% अधिक है। कुल व्यय में से राजस्व व्यय 31,94,663 करोड़ रुपए (0.9% वृद्धि) और पूंजीगत व्यय 7,50,246 करोड़ रुपए (24.5% वृद्धि) होने का अनुमान है। पूंजीगत व्यय में वृद्धि मुख्य रूप से राज्य सरकारों को दिए गए ऋणों और एडवांस में पर्याप्त वृद्धि के कारण हुई है। 2022-23 में केंद्र सरकार के ऋण और एडवांस 1,40,057 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 153% अधिक है।
  • कुल प्राप्तियां: सरकारी प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 22,83,713 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 4.8% अधिक है। इन प्राप्तियों और व्यय के बीच के अंतर को उधारी के जरिए पूरा किया जाएगा, जिसका बजट 16,61,196 करोड़ रुपए है और यह 2021-22 के संशोधित अनुमान से 4.4% अधिक है।
  • राज्यों के हस्तांतरण: केंद्र सरकार 2022-23 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 16,11,781 करोड़ रुपए हस्तांतरित करेगी। इसमें 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 0.5% की मामूली वृद्धि है। राज्यों के हस्तांतरण में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) केंद्रीय करों के डिवाइजिबल पूल में से 8,16,649 करोड़ रुपए, और (ii) अनुदान और ऋण के रूप में 7,95,132 करोड़ रुपए। 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, जीएसटी क्षतिपूर्ति की एवज में 1,59,000 करोड़ रुपए बैक-टू-बैक लोन्स के रूप में राज्यों को हस्तांतरित किए जाएंगे।
  • घाटे: 2022-23 में राजस्व घाटा जीडीपी के 3.8% पर और राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6.4% पर लक्षित है। 2021-22 में प्राथमिक घाटे (ब्याज भुगतान को छोड़कर राजकोषीय घाटा) का लक्ष्य जीडीपी का 2.8% है।
  • जीडीपी की वृद्धि का अनुमान: 2022-23 में नॉमिनल जीडीपी के 11.1% की दर से बढ़ने का अनुमान है।

तालिका 1: बजट 2022-23 एक नजर में (करोड़ रुपए में) 

 

वास्तविक
 2020-21

बजटीय
 2021-22

संशोधित
 2021-22

बजटीय
 2022-23

परिवर्तन का %
 (संअ 2021-22 से बअ 2022-23) 

राजस्व व्यय

30,83,519

29,29,000

31,67,289

31,94,663

0.9%

पूंजीगत व्यय

4,26,317

5,54,236

6,02,711

7,50,246

24.5%

इसमें से:

 

 

 

 

 

पूंजीगत परिव्यय

3,15,826

5,13,862

5,47,457

6,10,189

11.5%

ऋण और एडवांस

1,10,491

40,374

55,255

1,40,057

153.5%

कुल व्यय

35,09,836

34,83,236

37,70,000

39,44,909

4.6%

राजस्व प्राप्तियां

16,33,920

17,88,424

20,78,936

22,04,422

6.0%

पूंजीगत प्राप्तियां

57,625

1,88,000

99,975

79,291

-20.7%

इसमें से:

 

 

 

 

 

ऋणों की रिकवरी

19,729

13,000

21,975

14,291

-35.0%

अन्य प्राप्तियां (विनिवेश सहित) 

37,897

1,75,000

78,000

65,000

 

कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 

16,91,545

19,76,424

21,78,911

22,83,713

4.8%

राजस्व घाटा

14,49,599

11,40,576

10,88,352

9,90,241

-9.0%

जीडीपी का % 

7.3%

5.1%

4.7%

3.8%

 

राजकोषीय घाटा

18,18,291

15,06,812

15,91,089

16,61,196

4.4%

जीडीपी का %

9.2%

6.8%

6.9%

6.4%

 

प्राथमिक घाटा

11,38,422

6,97,111

7,77,298

7,20,545

-7.3%

जीडीपी का %

5.8%

3.1%

3.3%

2.8%

 

स्रोत: बजट एट ग्लांस, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23पीआरएस।

सरकार के एसेट्स और देनदारियों में बदलाव करने वाले व्यय (जैसे सड़क का निर्माण या लोन की रिकवरी) को पूंजीगत व्यय कहते हैं और अन्य सभी व्यय राजस्व व्यय होते हैं (जैसे वेतन का भुगतान या ब्याज भुगतान)। 2022-23 में पूंजीगत व्यय के संशोधित अनुमान की तुलना में 24.5की वृद्धि की उम्मीद है जोकि 7,50,246 करोड़ रुपए है। 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में राजस्व व्यय 0.9% बढ़कर 31,94,663 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयूज़) में सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री को विनिवेश कहा जाता है। 2021-22 में सरकार द्वारा विनिवेश का 45% लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है (1,75,000 करोड़ रुपए के लक्ष्य की तुलना में 78,000 करोड़ रुपए)। 2022-23 के लिए विनिवेश का लक्ष्य 65,000 करोड़ रुपए है। 

  नोट: 2021-22 के वास्तविक आंकड़े संशोधित अनुमान हैं। 

स्रोतयूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स (विभिन्न वर्ष)पीआरएस। 

2022-23 में प्राप्तियों की झलक 

  • 2022-23 में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 22,83,713 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 4.8% अधिक है।
  • सकल कर राजस्व में 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 9.6% की वृद्धि का अनुमान है, जो 2022-23 में 11.1% की अनुमानित नॉमिनल जीडीपी वृद्धि से कम है। यह मुख्य रूप से एक्साइज ड्यूटी में 15% की गिरावट के कारण है। अन्य करों के नॉमिनल जीडीपी की तुलना में तेजी से बढ़ने का अनुमान है। केंद्र सरकार का शुद्ध कर राजस्व (करों में राज्यों की हिस्सेदारी को छोड़कर) 2022-23 में 19,34,771 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
  • 2022-23 में केंद्र के कर राजस्व से राज्यों को 8,16,649 करोड़ रुपए के हस्तांतरण का अनुमान है। 2021-22 में राज्यों के हस्तांतरण में 79,222 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी है। बजटीय चरण में यह 6,65,563 करोड़ रुपए अनुमानित था, और संशोधित चरण में यह 7,44,785 करोड़ रुपए हो गया।
  • 2022-23 में 2,69,651 करोड़ रुपए के गैर कर राजस्व की उम्मीद है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान से 14.1% कम है।
  • पूंजीगत प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 20.7% कम होने का अनुमान है। यह विनिवेश के कारण है, जिसके 2022-23 में 65,000 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है, जबकि 2021-22 का संशोधित अनुमान 78,000 करोड़ रुपए था।

तालिका 22022-23 में केंद्र सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

 

वास्तविक
 2020-21

बजटीय
 2021-22

संशोधित
 2021-22

बजटीय
 2022-23

परिवर्तन का %
 (संअ 2021-22 से बअ 2022-23) 

सकल कर राजस्व

20,27,104

22,17,059

25,16,059

27,57,820

9.6%

इसमें से:

 

 

 

 

 

कॉरपोरेशन टैक्स

4,57,719

5,47,000

6,35,000

7,20,000

13.4%

इनकम टैक्स

4,87,144

5,61,000

6,15,000

7,00,000

13.8%

वस्तु एवं सेवा कर

5,48,778

6,30,000

6,75,000

7,80,000

15.6%

कस्टम्स

1,34,750

1,36,000

1,89,000

2,13,000

12.7%

यूनियन एक्साइज ड्यूटीज़

3,91,749

3,35,000

3,94,000

3,35,000

-15.0%

सर्विस टैक्स

1,615

1,000

1,000

2,000

100.0%

क. केंद्र का शुद्ध कर राजस्व

14,26,287

15,45,397

17,65,145

19,34,771

9.6%

राज्यों को हस्तांतरण

5,94,997

6,65,563

7,44,785

8,16,649

9.6%

ख. गैर कर राजस्व

2,07,633

2,43,028

3,13,791

2,69,651

-14.1%

इसमें से:

 

 

 

 

 

ब्याज प्राप्तियां

17,113

11,541

20,894

18,000

-13.9%

लाभांश और लाभ

96,877

1,03,538

1,47,353

1,13,948

-22.7%

अन्य गैर कर राजस्व

93,641

1,27,948

1,45,544

1,37,703

-5.4%

ग. पूंजीगत प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 

57,626

1,88,000

99,975

79,291

-20.7%

इसमें से:

 

 

 

 

 

विनिवेश

37,897

1,75,000

78,000

65,000

-16.7%

प्राप्तियां (उधारियों के बिना) (ए+बी+सी)

16,91,546

19,76,425

21,78,911

22,83,713

4.8%

उधारियां

18,18,291

15,06,812

15,91,089

16,61,196

4.4%

कुल प्राप्तियां (उधारियों के साथ) 

35,09,836

34,83,236

37,70,000

39,44,909

4.6%

स्रोत: रेसीट्स बजट, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23पीआरएस।

  • अप्रत्यक्ष कर: 2022-23 में 13,30,000 करोड़ रुपए का कुल अप्रत्यक्ष कर जमा होने का अनुमान है। सरकार ने इसमें जीएसटी से 7,80,000 करोड़ रुपए जुटाने का अनुमान लगाया है। जीएसटी के अंतर्गत जमा किए गए कुल करों में 85% केंद्रीय जीएसटी (6,60,000 करोड़ रुपए) और 15% (1,20,000 करोड़ रुपए) जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस से मिलने की उम्मीद है।
  • कॉरपोरेशन टैक्स: कंपनियों के टैक्स कलेक्शन के 2022-23 में 13% बढ़कर 7,20,000 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। 2021-22 के संशोधित अनुमानों से संकेत मिलता है कि बजट अनुमान के स्तर पर कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में 5,47,000 करोड़ रुपए से 6,35,000 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी।
  • इनकम टैक्स: इनकम टैक्स कलेक्शन 2022-23 में 14% बढ़कर 7,00,000 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। 2021-22 के संशोधित अनुमान के अनुसार, इनकम टैक्स कलेक्शन 6,15,000 करोड़ रुपए होगा जोकि 5,61,000 करोड़ रुपए के बजट अनुमान से 9.6% अधिक है।
  • गैर कर प्राप्तियां: गैर-कर राजस्व में केंद्र द्वारा दिए गए ऋण पर ब्याज प्राप्तियां, लाभांश और लाभ, बाहरी अनुदान, और सामान्य, आर्थिक और सामाजिक सेवाओं से प्राप्तियां शामिल हैं। 2022-23 में गैर कर राजस्व 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 14% घटकर 2,69,651 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। ऐसा ब्याज प्राप्तियों में 14% की गिरावट और लाभांश और मुनाफे में 23% की गिरावट के कारण है।
  • विनिवेश के लक्ष्य: 2022-23 के लिए विनिवेश के लक्ष्य 65,000 करोड़ रुपए है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान (78,000 करोड़ रुपए) से 17% कम है।

2022-23 में व्यय की झलक 

  • 2022-23 में कुल व्यय 39,44,909 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 4.6% अधिक है। इसमें (i) 11,81,084 करोड़ रुपए केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर खर्च करने का प्रस्ताव है (2021-22 के संशोधित अनुमान से 1.2% की गिरावट), और (ii) 4,42,781 करोड़ रुपए केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर खर्च करने का प्रस्ताव है (2021-22 के संशोधित अनुमान से 6.6% अधिक)।
  • सरकार ने 2022-23 में पेंशन पर 2,07,132 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान लगाया है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 4.1% अधिक है। इसके अतिरिक्त 2022-23 में ब्याज भुगतान पर 9,40,651 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है, जो सरकार के व्यय का 23.8% है।

तालिका 3: 2022-23 में केंद्र सरकार के व्यय का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

 

वास्तविक
 2020-21

बजटीय
 2021-22

संशोधित
 2021-22

बजटीय
 2022-23

परिवर्तन का %
 (संअ 2021-22 से बअ 2022-23) 

केंद्रीय व्यय

27,49,541

26,72,604

29,17,249

30,06,111

3.0%

केंद्र का इस्टैबलिशमेंट व्यय

5,94,449

6,09,014

7,00,541

6,92,214

-1.2%

केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं

13,56,817

10,51,703

11,95,078

11,81,085

-1.2%

अन्य व्यय

7,98,274

10,11,887

10,21,631

11,32,813

10.9%

सीएसएस के लिए अनुदान और अन्य हस्तांतरण

7,60,295

8,10,632

8,52,751

9,38,797

10.1%

केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाएं (सीएसएस)

3,83,976

3,81,305

4,15,351

4,42,781

6.6%

वित्त आयोग के अनुदान 

1,84,063

2,20,843

2,11,065

1,92,108

-9.0%

इसमें से:

 

 

 

 

 

ग्रामीण स्थानीय निकाय

60,750

44,901

42,623

46,513

9.1%

शहरी स्थानीय निकाय

26,710

22,114

14,614

22,908

56.8%

सहायतानुदान

22,262

35,376

35,376

36,486

3.1%

वितरण के बाद राजस्व घाटा अनुदान

74,340

1,18,452

1,18,452

86,201

-27.2%

अन्य अनुदान 

1,92,257

2,08,484

2,26,334

3,03,908

34.3%

कुल व्यय

35,09,836

34,83,236

37,70,000

39,44,909

4.6%

स्रोत: बजट एट ग्लांस, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23पीआरएस।

मंत्रालयों के व्यय 

2022-23 के कुल अनुमानित व्यय में 13 सर्वाधिक आबंटन वाले मंत्रालयों का हिस्सा 53% है। इनमें रक्षा मंत्रालय के लिए सर्वाधिक 5,25,166 करोड़ रुपए का आबंटन है। यह केंद्र सरकार के कुल बजटीय व्यय का 13.3% है। सबसे ज्यादा आबंटन वाले अन्य मंत्रालयों में शामिल हैं: (i) उपभोक्ता मामलेखाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, (ii) सड़क परिवहन एवं राजमार्गऔर (iii) गृह मामले। तालिका 4 में 2022-23 के लिए 13 सर्वाधिक आबंटन वाले मंत्रालयों का व्यय और 2021-22 के संशोधित अनुमान की तुलना में आबंटन में परिवर्तन को दर्शाया गया है।

तालिका 4: 2022-23 में मंत्रालय पर व्यय (करोड़ रुपए में)

 

वास्तविक
 2020-21

बजटीय
 2021-22

संशोधित
 2021-22

बजटीय
 2022-23

परिवर्तन का %
 (संअ 2021-22 से बअ 2022-23) 

रक्षा

4,85,681

4,78,196

5,02,884

5,25,166

4.4%

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण

5,66,797

2,56,948

3,04,454

2,17,684

-28.5%

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग

99,159

1,18,101

1,31,149

1,99,108

51.8%

गृह मामले

1,44,258

1,66,547

1,73,083

1,85,776

7.3%

रेलवे

1,12,159

1,10,055

1,20,056

1,40,367

16.9%

ग्रामीण विकास

1,97,593

1,33,690

1,55,043

1,38,204

-10.9%

कृषि एवं किसान कल्याण

1,15,827

1,31,531

1,26,808

1,32,514

4.5%

रसायन एवं उर्वरक

1,29,510

80,715

1,41,735

1,07,715

-24.0%

संचार

60,903

75,265

54,517

1,05,407

93.3%

शिक्षा

84,219

93,224

88,002

1,04,278

18.5%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

80,694

73,932

86,001

86,201

0.2%

जल शक्ति

23,199

69,053

69,046

86,189

24.8%

आवासन एवं शहरी मामले

46,701

54,581

73,850

76,549

3.7%

अन्य मंत्रालय

13,63,136

16,41,398

17,43,372

18,39,751

5.5%

कुल व्यय

35,09,836

34,83,236

37,70,000

39,44,909

4.6%

स्रोत: एक्सपेंडिचर बजट, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23पीआरएस।

  • संचार: 2022-23 में संचार मंत्रालय के आबंटन में 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 50,890 करोड़ रुपए की वृद्धि (93%) का अनुमान है। ऐसा मुख्य रूप से बीएसएनए में 44,720 करोड़ रुपए के कैपिटल इंफ्यूजन के कारण हुआ है।
  • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग: 2022-23 में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आबंटन में 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 67,959 करोड़ रुपए की वृद्धि (52%) का अनुमान है। ऐसा राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी में निवेश में वृद्धि के कारण हुआ है (2021-22 में 65,060 करोड़ रुपए की तुलना में 2022-23 में 1,34,015 करोड़ रुपए)।
  • 2021-22 में कोविड-19 वैक्सीन्स के लिए राज्यों को 39,000 करोड़ रुपए का हस्तांतरण किया गया जोकि 35,000 करोड़ रुपए के बजट अनुमान से अधिक था। 2022-23 के लिए आबंटन 5,000 करोड़ रुपए है।
  • उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालयों के आबंटनों में क्रमशः खाद्य सबसिडी एवं उर्वरक सबसिडी में कमी के कारण गिरावट हुई। हम सबसिडी पर यहां चर्चा कर रहे हैं।

सबसिडी पर व्यय

2022-23 में सब्सिडी पर कुल खर्च 3,55,639 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 27.1% कम है (तालिका 5)।

  • खाद्य सबसिडी: 2022-23 में खाद्य सब्सिडी का आबंटन 2,06,831 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 27.8% कम है। 2020-21 और 2021-22 में निम्नलिखित के कारण अधिक खाद्य सब्सिडी का प्रावधान किया गया था: (i) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना जो गरीबों को कोविड-19 के प्रभाव को कम करने के लिए मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करती है, और (ii) भारतीय खाद्य निगम के ऋण को चुकाने के लिए।
  • उर्वरक सबसिडी: 2022-23 में उर्वरक सब्सिडी पर 1,05,222 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान से 34,900 करोड़ रुपए कम है। दिसंबर 2021 में अनुपूरक मांगों के अंतर्गत 2021-22 के लिए उर्वरक सब्सिडी में काफी वृद्धि की गई थी। ऐसा उर्वरकों के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेज वृद्धि के कारण था।
  • पेट्रोलियम सबसिडी: पेट्रोलियम सबसिडी में एलपीजी और केरोसिन सबसिडी शामिल हैं। 2021-22 और 2022-23 में केरोसिन सब्सिडी का बजट नहीं दिया गया है। एलपीजी सब्सिडी पर खर्च 2022-23 में 10.8% घटकर 5,813 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
  • अन्य सबसिडी: अन्य सब्सिडी के व्यय में विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए ब्याज सब्सिडी, कृषि उपज की मूल्य समर्थन योजना के लिए सब्सिडी, और खरीद के लिए राज्य एजेंसियों को सहायता इत्यादि शामिल हैं। 2022-23 में अन्य सब्सिडी पर खर्च 2021-22 के संशोधित अनुमान से 31% कम होने का अनुमान है।

तालिका 5: 2022-23 में सब्सिडी (करोड़ रुपए में)

 

वास्तविक
 2020-21

बजटीय
 2021-22

संशोधित
 2021-22

बजटीय
 2022-23

परिवर्तन का %
 (संअ 2021-22 से बअ 2022-23) 

खाद्य सबसिडी

5,41,330

2,42,836

2,86,469

2,06,831

-27.8%

उर्वरक सबसिडी

1,27,922

79,530

1,40,122

1,05,222

-24.9%

पेट्रोलियम सबसिडी 

38,455

14,073

6,517

5,813

-10.8%

अन्य सबसिडी

50,459

33,460

54,763

37,773

-31.0%

कुल

7,58,165

3,69,899

4,87,872

3,55,639

-27.1%

स्रोत: एक्सपेंडिचर प्रोफाइल, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23पीआरएस।

मुख्य योजनाओं पर व्यय

 तालिका 6: 2022-23 में योजनाओं के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)

 

वास्तविक
 2020-21

बजटीय
 2021-22

संशोधित
 2021-22

बजटीय
 2022-23

परिवर्तन का %
 (संअ 2021-22 से बअ 2022-23) 

मनरेगा

1,11,170

73,000

98,000

73,000

-25.5%

पीएम-किसान

60,990

65,000

67,500

68,000

0.7%

जल जीवन मिशन/राष्ट्रीय ग्रामीण पेय जल मिशन

10,998

50,011

45,011

60,000

33.3%

प्रधानमंत्री आवास योजना

40,260

27,500

47,390

48,000

1.3%

राष्ट्रीय शिक्षा मिशन

28,088

34,300

30,796

39,553

28.4%

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

37,478

37,130

34,947

37,800

8.2%

सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0*

20,105

20,000

20,263

1.3%

संशोधित ब्याज सहायता योजना*

– 

19,500

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना

13,688

15,000

14,000

19,000

35.7%

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

14,161

16,000

15,989

15,500

-3.1%

राष्ट्रीय जीविका मिशन- आजीविका

10,025

14,473

12,505

14,236

13.8%

अमृत और स्मार्ट सिटीज़ मिशन

9,754

13,750

13,900

14,100

1.4%

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना

7,877

11,588

12,706

12,954

2.0%

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना

 –

– 

– 

10,433

पीएम-पोषण *

 –

– 

– 

10,234

स्रोत: * सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 अंब्रैला आईसीडीएस योजना के कुछ घटकों की जगह लाई गई है। संशोधित ब्याज सहायता योजना किसानों को अल्पकालिक ऋण के लिए ब्याज सबसिडी योजना की जगह लाई गई है (संशोधित चरण में 2021-22 में इस योजना के लिए 18,142 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है)। मिड-डे मील योजना के स्थान पर पीएम-पोषण योजना लाई गई है। 2021-22 में मिड-डे मील योजना के लिए संशोधित चरण में 10,234 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। स्रोतएक्सपेंडिचर प्रोफाइल, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23पीआरएस।  

  • 2022-23 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए सर्वाधिक 73,000 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान से 25.5% कम है। इस योजना के लिए बजट स्तर पर 73,000 करोड़ रुपए का आबंटन था, लेकिन 2021-22 में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रभाव को कम करने के लिए संशोधित चरण में इसके लिए 98,000 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया जिसमें बजट स्तर से 34.2% की वृद्धि है।
  • 2022-23 में पीएम-किसान योजना (किसानों को आय सहायता) के लिए 68,000 करोड़ रुपए का दूसरा सबसे अधिक आबंटन किया गया है। योजना के आबंटन में 2021-22 के संशोधित अनुमान की तुलना में 0.7% की मामूली वृद्धि देखी गई है।
  • 2022-23 में जिन योजनाओं के आबंटन में तुलनात्मक रूप से अधिक वृद्धि हुई है, वे हैं: (i) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (35.7%), (ii) जल जीवन मिशन (33.3%), और (iii) राष्ट्रीशिक्षा मिशन (28.4%)

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति उप योजनाओं और महिलाओं, बच्चों और पूर्वोत्तर क्षेत्र की योजनाओं पर व्यय 

तालिका 7: महिलाओं, बच्चों, एससीज़, एसटीज़ और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में) 

 

वास्तविक
 2020-21

संशोधित
 2021-22

बजटीय 2022-23

परिवर्तन का %
 (संअ 2021-22 से बअ 2022-23)

महिला कल्याण

1,52,099

1,66,183

1,71,006

2.9%

बाल कल्याण

77,482

80,003

92,737

15.9%

अनुसूचित जाति

71,811

1,39,956

1,42,342

1.7%

अनुसूचित जनजाति

49,433

87,473

89,265

2.0%

पूर्वोत्तर क्षेत्र

68,440

76,040

11.1%

स्रोतएक्सपेंडिचर प्रोफाइल, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23पीआरएस।

  • 2022-23 में महिला एवं बाल कल्याण संबंधी कार्यक्रमों के लिए 2,63,743 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया, जिसमें 2021-22 के संशोधित अनुमान की तुलना में 7.1% की गिरावट है। इस आबंटन में सभी मंत्रालयों के अंतर्गत आने वाले कार्यक्रम शामिल हैं।
  • 2022-23 में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के आबंटनों में क्रमशः 1.7% और 2% की वृद्धि होने का अनुमान है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के आबंटन में 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2022-23 में 11.1% की वृद्धि होने का अनुमान है।

राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन के लक्ष्य

राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2003 के अंतर्गत यह अपेक्षा की जाती है कि केंद्र सरकार बकाया ऋण, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को धीरे-धीरे कम करेगी। हर वर्ष केंद्र सरकार अपना बजट प्रस्तुत करते हुए इनके लिए तीन वर्ष के आवर्ती लक्ष्य प्रस्तुत करती है। उल्लेखनीय है कि 2021-22 और 2022-23 दोनों में मध्यम अवधि के राजकोषीय नीति वक्तव्य में बजट घाटे के लिए आवर्ती लक्ष्य नहीं दिए गए थे। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5% से कम करना है।

राजकोषीय घाटा उन उधारियों का संकेत देता है जिनसे सरकार अपने व्यय को वित्त पोषित करती है। 2022-23 के लिए अनुमानित राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4% है।

राजस्व घाटा सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है।  इसका यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जिनसे भविष्य में प्राप्तियां नहीं हो सकतीं। 2022-23 के लिए अनुमानित राजस्व घाटा जीडीपी का 3.8है।

तालिका 8: घाटों के लिए एफआरबीएम के लक्ष्य (जीडीपी का %)

 

वास्तविक
 2020-21

संशोधित
 2021-22

बजटीय
 2022-23

राजकोषीय घाटा

9.2%

6.9%

6.4%

राजस्व घाटा

7.3%

4.7%

3.8%

प्राथमिक घाटा

5.8%

3.3%

2.8%

स्रोतमीडियम टर्म फिस्कल पॉलिसी स्टेटमेंट, बजट एट ग्लांस, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23पीआरएस।

2021-22 में सरकार ने राजकोषीय घाटे के लिए जीडीपी का 6.8% और राजस्व घाटे के लिए जीडीपी का 5.1% बजट अनुमान निर्धारित किया था। संशोधित अनुमानों के अनुसार राजकोषीय घाटा बजट अनुमान से थोड़ा अधिक 6.9% होने की उम्मीद है जबकि राजस्व घाटा 4.7% से कम रहने का अनुमान है।

प्राथमिक घाटा राजकोषीय घाटे और ब्याज भुगतानों के बीच का अंतर होता है। 2022-23 में यह जीडीपी का 2.8अनुमानित है।

नोट2021-22 के आंकड़े संशोधित अनुमान हैं।
स्रोतबजट एट ग्लांस, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23पीआरएस।

नोट2021-22 के आंकड़े संशोधित अनुमान और 2022-23 के बजट अनुमान हैं।
स्रोतइकोनॉमिक सर्वे 2021-22, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23पीआरएस। 

  • बकाया देनदारियां: 2012-13 के बाद से केंद्र सरकार की बकाया देनदारियां जीडीपी के 51% से घटकर 2018-19 में जीडीपी का 48% हो गईं। 2020-21 में यह बढ़कर जीडीपी का 61% हो गईं। 2022-23 में इसमें मामूली गिरावट की उम्मीद है। इस वर्ष इसके 60% होने का अनुमान है।
  • बकाया ऋण कई वर्षों की उधारियों का संग्रह होता है। अधिक ऋण का अर्थ यह होता है कि सरकार पर आने वाले वर्षों में ऋण चुकाने का अधिक बड़ा दायित्व है।
  • राजस्व प्राप्तियों के प्रतिशत के रूप में ब्याज भुगतान 2011-12 में 36% से बढ़कर 2020-21 में 42% हो गया है। बजट अनुमान के मुताबिक 2022-23 में यह आंकड़ा और बढ़कर 43% होने की उम्मीद है।
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Khusi Sharma

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