मंत्रिपरिषद ||

  • राष्ट्रपति को उनके कार्यों में सहायता करने और सलाह देने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद् होती है |
  • प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। उसकी सलाह पर अन्य मंत्रियों की भी नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
  • परिषद् सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है।
  • संघ के प्रशासन या कार्य और उनसे सम्बन्धित विधानों और सूचनाओं के प्रस्तावों से सम्बन्धित मंत्रिपरिषद् के सभी निर्णयों की सूचना राष्ट्रपति को देना प्रधानमंत्री का कर्त्तव्य है।
  • मंत्रिपरिषद् में मंत्रिपरिषद् के मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री और उपमंत्री होते हैं।
  • भारत का प्रधानमंत्री भारत सरकार का मुखिया, भारत के राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार, मंत्रिपरिषद् का मुखिया तथा लोकसभा में बहुमत वाले दल का नेता होता है।
  • वह भारत सरकार के कार्यपालिका का नेतृत्व करता है।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 74 में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद् की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमंत्री की उपस्थिति आवश्यक मानता है। उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की दशा में समस्त परिषद् को पद छोड़ना पड़ता है।
  • वह अकेले ही मंत्रिपरिषद् का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रीगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मन्त्रियों के विभाग का निर्धारण भी वही करता है।
  • कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वहीं देता है। सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है।
  • राष्ट्रपति तथा मंत्रिपरिषद् के मध्य संपर्क सूत्र भी वही है। मंत्रिपरिषद् का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह परिषद् के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है।
  • संसद में परिषद् के पक्ष में लड़ी जा रही किसी भी बहस में वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है।
  • वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है। इन सब कारणों के चलते प्रधानमंत्री को भारत का सबसे महत्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है।
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