कुछ करने की ठान ली जाए तो क्या नहीं हो सकता है। पढ़ाई के साथ कुछ करने के लिए लगन की भी जरूरत होती है। ये कर दिखाया है, प्रयागराज के सुधीर मौर्य ने। सुधीर ने पर्यावरण से सिर्फ प्यार ही नहीं किया बल्कि रोजगार का बड़ा साधन भी बनाया। सुधीर ने सब्जियों की नर्सरी के जरिए अपनी आय को सालाना लाखों रुपये तक पहुंचाया। अब वह दूसरों की प्रेरणा का जरिया भी बन गए है
प्रयागराज में कौडिहार के हथिगहां गांव में सुधीर मौर्य रहते हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी. कॉम की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उसने बेंगलुरु जाने का फैसला किया। वहां पर सुधीर ने नर्सरी शुरू करने से जुड़ी ट्रेनिंग ली। इसके बाद गांव लौटकर काम शुरू किया। सुधीर ने बिना किसी मदद के ही पॉली हाउस के जरिए पौधों की नर्सरी लगानी शुरू की। छोटी शुरूआत से अब सुधीर हर साल 80 लाख पौधों की नर्सरी तैयारी करते हैं
नर्सरी से हो रही 40 लाख की सालाना आय
सुधीर की नर्सरी में तैयार पौधों की उत्तर प्रदेश के झांसी, बुंदेलखंड समेत कई जिलों में डिमांड है। इतना ही नहीं मध्य प्रदेश में भी उनकी नर्सरी के पौधों की डिमांड बढ़ रही है। इसके जरिए सुधीर को सालाना करीब 35 से 40 लाख रुपये की सालाना आय हो रही है। इनकी नर्सरी के टमाटर, मिर्च, फूलगोभी, शिमला मिर्च, समेत करीब दर्जन भर सब्जियों की डिमांड है। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) में बीती 30 जून को हुए एक कार्यक्रम में सुधीर को उनके उपब्लधि के लिए कृषि आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने सम्मानित भी किया था
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