28 सितंबर की इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं » समर्पण एजुकेशन

अपनी मधुर आवाज से पिछले कई दशक से संगीत के खजाने में हर दिन नये मोती भरने वाली लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के यहां हुआ था। भारत रत्न लता ने अपनी आवाज और अपनी सुर साधना से बहुत छोटी उम्र में ही गायन में महारत प्राप्त की और विभिन्न भाषाओं में गीत गाए। पिछली पीढ़ी ने जहां लता की शोख और रूमानी आवाज का लुत्फ उठाया, वहीं मौजूदा पीढ़ी उनकी समन्दर की तरह ठहरी हुई परिपक्व गायकी को सुनते हुए बड़ी हुई है|

1542 को कैलिफोर्निया के खोजकर्ता रोड्रिग्ज कैब्रिलो ने सान दिएगो कहे जाने वाले इलाके के नजदीक कदम रखा था और वेस्ट कोस्ट पहुंचने वाले पहले यूरोपीय बने।

1837 को बहादुर शाह जफर को मुगल सम्राट बनाया गया। हालांकि उस समय तक मुगल सल्तनत काफी बिखर चुकी थी और वह नाम के ही सम्राट रह गए थे।

1920 को शिकागो व्हाइट सॉक्स बेसबाल टीम के आठ सदस्यों को निर्णायक मंडल ने 1919 की विश्व श्रृंखला में घूस लेकर सिनसिनार्टी रेड्स से हार जाने का दोषी ठहराया।

1929 को स्वर कोकिला लता मंगेशकर का इंदौर में जन्म। अपनी बेहतरीन आवाज के दम पर वह पिछले आठ दशक से देश में गायकी का पर्याय हैं और अपने गीतों के मोतियों से उन्होंने संगीत के खजाने को समृद्ध बनाया।

1947 को आवामी लीग की नेता और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजिद का जन्म। पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के तुंगीपारा में जन्मीं शेख हसीना बांग्लादेश के संस्थापकों में से एक शेख मुजीबुर रहमान की पुत्री हैं।

1977 को एडमंड हिलेरी नंदप्रयाग के अपने अभियान पर गया था।

2000 को इज़राइल के विपक्षी नेता एरियल शेरोन के अल अक्सा मस्जिद आने से नाराज पूर्वी येरूशलम के फलस्तीनियों ने विरोध स्वरूप पुलिस के साथ संघर्ष किया।

2008 को  स्पेसएक्स ने फाल्कन-एक का सफल प्रक्षेपण किया। यह पहली ऐसी निजी कंपनी थी, जिसने तरल ईंधन वाले रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजने में सफलता हासिल की।

2016 को  पोलैंड में जन्मे इस्राइल के पूर्व प्रधानमंत्री शिमोन पेरेज का निधन। पेरेज को 1993 में इस्राइल सरकार और फलस्तीन मुक्ति संगठन के बीच हुई ओस्लो संधि में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए 1994 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

2018 को  उच्चतम न्यायालय ने केरल के सबरीमाला स्थित अयप्पा स्वामी मंदिर में एक खास आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी हटाते हुए सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी।

2020 को आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच नागोरनो-करबाख इलाके को लेकर युद्ध शुरू हुई||

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