मंगल ग्रह के बारे में कुछ रोचक तथ्य Some interesting facts about the Mars ||

क्या आप जानते हैं?

       मंगल सौर मंडल में सूर्य से चौथा ग्रह और बुध (Mercury) के बाद दूसरा सबसे छोटा ग्रह है|
मंगल पृथ्वी के परिमाण (Volume) का मात्र 15% है और इसका द्रव्यमान (Mass) पृथ्वी के द्रव्यमान का सिर्फ़ 10% ही है|
मंगल का अत्यधिक विरल वायुमंडल मुख्यतः कार्बन डाई ऑक्साइड से बना है| मंगल ग्रह पर भी पृथ्वी की तरह ध्रुवीय टोपियाँ (polar caps) पाई जाती है, परंतु यह मुख्यतः जमी हुई कार्बन डाई ऑक्साइड है|
मंगल पर विशाल एवं अति प्राचीन निष्क्रिय ज्वालामुखी और बहुत बड़ी बड़ी खाइयाँ जो की धरती की सबसे बड़ी खाई से भी बहुत बड़ी है पाए जाते हैं| मंगल ग्रह पर ही हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलंपस (Olympus Mons) पाया जाता है, जिसकी उँचाई 21 किमी. और व्यास 600 किमी. है|
                मंगल पर वातावरण या वायुमंडल बहत विरल है यानि वहां वायुमंडलीय दबाव धरती की तुलना में बेहद कम है इसलिए वहां जीवन बहुत मुश्किल है| मंगल का गुरुत्वाकर्षण धरती के गुरुत्वाकर्षण का सिर्फ एक तिहाई है अर्थात कि मंगल पर कोई भी वस्तु अगर गिरे तो वो धरती के मुकाबले बहुत धीमी रफ़्तार से गिरेगी| विरल वायुमंडल के कारण मंगल पर तापमान बहुत बहुत कम और बहुत ज्यादा हो सकता है| मंगल की सतह पर उठने वाले धुल भरे तूफान पुरे मंगल गृह को ढक लेते हैं| मंगल के ये तूफान महीनो तक चलते रह सकते हैं, ऐसा मंगल की अंडाकार (elliptical or oval-shaped orbital path) कक्षीय पथ के कारण होता है जो सौर मंडल में सबसे लंबा है|
                मंगल ग्रह पर भी पृथ्वी की तरह मौसम पाए जाते हैं, ऐसा मंगल का पृथ्वी की तरह अपने धुरी पर झुके होने के कारण होता है|
               किसी व्यक्ति का वज़न अगर धरती पर 100 किलो हो तो कम गुरुत्वाकर्षण की वजह से मंगल पर उसका वज़न सिर्फ़ 37 किलो होगा|
     मंगल की मिट्टी के लौह खनिज में ज़ंग लगने की वजह से वातावरण और यहाँ की मिट्टी लाल रंग की दिखती है इसलिए इसे लाल ग्रह भी कहा जाता है| चूँकि मंगल ग्रह एक रेगिस्तान है इसलिए वहां जाने के लिए बहुत ज्यादा पानी की आवश्यकता होगी||
मंगल के दो चंद्रमा हैं. इनके नाम फ़ोबोस और डेमोस हैं| फ़ोबोस डेमोस से थोड़ा बड़ा है| फ़ोबोस मंगल की सतह से सिर्फ़ 6 हज़ार किलोमीटर ऊपर परिक्रमा करता है.
    फ़ोबोस धीरे-धीरे मंगल की ओर झुक रहा है, हर सौ साल में ये मंगल की ओर 1.8 मीटर झुक जाता है. अनुमान है कि 5 करोड़ साल में फ़ोबोस या तो मंगल से टकरा जाएगा या फिर टूट जाएगा और मंगल के चारों ओर एक रिंग या छल्ला बना लेगा|
फ़ोबोस पर गुरुत्वाकर्षण धरती के गुरुत्वाकर्षण का एक हज़ारवां हिस्सा है, यानि धरती पर अगर किसी व्यक्ति का वज़न 68 किलोग्राम है तो उसका वज़न फ़ोबोस पर सिर्फ़ 68 ग्राम होगा|
मंगल का एक दिन 24 घंटे से थोड़े ज़्यादा का होता है| मंगल सूर्य की एक परिक्रमा धरती के 687 दिन में करता है, अर्थात मंगल का एक साल धरती के 23 महीने के बराबर होता है| मंगल की सतह से सूर्य लगभग, पृथ्वी से दिखने वाले आकार से आधा दिखता है|
मंगल और पृथ्वी करीब दो साल में एक दूसरे के सबसे करीब होते हैं, दोनों के बीच की दूरी तब सिर्फ़ 5 करोड़ 60 लाख किलोमीटर होती है.
मंगल पर पानी बर्फ़ के रूप में ध्रुवों पर मिलता है और ये कल्पना की जाती है कि नमकीन पानी भी है जो मंगल के दूसरे इलाकों में बहता है| वैज्ञानिक मानते हैं कि मंगल पर करीब साढ़े तीन अरब साल पहले भयंकर बाढ़ आई थी. हालांकि ये कोई नहीं जानता कि ये पानी कहां से आया था, कितने समय तक रहा और कहां चला गया|
मंगल पर सबसे पहले रूस (USSR) ने 1960 में मारसनिक-1 (Marsnik 1) भेजने का प्रयास किया था|
1964 में नासा द्वारा भेजा गया मेरिनर-4 पहला अंतरिक्ष यान था जिसने मंगल ग्रह की सतह की तस्वीरें ली थी|

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