क्षेत्रफल: 2538 वर्ग किलोमीटर
जनसंख्या : 942011
जनसंख्या घनत्व : 371 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी.
लिंगानुपात: 902
साक्षरता दर :69.13
गठन की तिथि: 15 जुलाई, 1997
मुख्य उद्योग : कृषि उपकरण तथा मुस्लमानों द्वारा निर्मित चमड़े की वस्तुएं ।
परिचय :
फतेहाबाद हरियाणा के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। चिल्ली इस जिले की पहचान है। फतेहाबाद की स्थापना 15 जुलाई, 1997 को की गई। यह हिसार मण्डल का एक हिस्सा है। राज्य मार्ग नं. 10 इस जिले को पंजाब और दिल्ली से जोड़ता है।
- 17 नवम्बर, 1398 ई० में प्रसिद्ध आक्रमणकारी तैमूरलंग ने फतेहाबाद में भारी कत्लेआम किया था।
- फतेहाबाद का अस्तित्व सम्राट अशोक के काल से है। प्राचीन समय में इस क्षेत्र में भील जाती के लोग रहते थे और यह क्षेत्र उदयानगरी के नाम से जाना जाता था।
- यह क्षेत्र उत्तरी भारत के सम्राटों शिकारगाह के रूप में बहुत प्रसिद्ध था। फिरोजशाह तुगलक का शाही काफिला मुलतान से दिल्ली (सिरसा मार्ग से) जाते हुए यहाँ रुका था। 23 अगस्त, 1351 को फिरोजशाह तुगलक के घर पुत्र का जन्म हुआ। पुत्र – जन्म की खुशी व अपनी फतह पर यहाँ एक नगर बसाया गया जिसका नाम फतेहाबाद रखा और नवजात शिशु का नाम फतह खाँ रखा गया ।
घग्घर नदी रतिया तथा जाखल के मध्य से होकर गुजरती है तथा भाखड़ा और पश्चिमी यमुना नहर से इस जिले में सिंचाई होती है ।
फतेहाबाद में मुसलमानों द्वारा बनाए जाने वाले चमड़े के कुप्पे, तराजू के पलड़े, मश्क, कुएँ से पानी खींचने वाली चड़स की समूचे उत्तरी भारत में भारी माँग थी।
- इस इलाके में कपास का रिकार्ड उत्पादन होने से यहां सन् 1953 में प्रथम कॉटन मिल की स्थापना की गई थी।
फतेहाबाद के महत्पूर्ण स्थान
फतेहाबाद का किला और लाट : फिरोजशाह तुगलक ने पुत्र जन्म की खुशी में फतेहाबाद शहर बसा कर नगर की सुरक्षा के लिए एक विशाल किले एवं सुरंगों का निर्माण करवाया था। यहाँ एक गोलाकार स्तम्भ भी है ।
फतेहाबाद की मस्जिद : शेरशाह सूरी से पराजित होकर हुमायूँ अपनी जान बचाने के लिए फतेहाबाद-सिरसा मार्ग से अमरकोट जा रहा था तो उसने फतेहाबाद में शुक्रवार में को इबादत करते हुए यहाँ एक मस्जिद बनवाने की घोषणा की। पुनः दिल्ली की सत्ता प्राप्त करने के बाद उसने अपनी उक्त घोषणा पूर्ण करते हुए फतेहाबाद में एक मस्जिद का निर्माण करवाया।
टहलदास डेरा, कमाणा : जिला फतेहाबाद के गाँव कमाणा में बाबा टहलदास डेरा स्थापित है।
श्रीकृष्ण मन्दिर : फतेहाबाद के पुराने मुख्य बाजार में सरोवर के पास स्थित श्रीकृष्ण मन्दिर प्रसिद्ध है। मन्दिर जिस सरोवर के पास स्थित है उसे फतेहाबाद और आस-पास के गाँवों में चिल्ली के नाम से जाना जाता है। इसलिये इस मन्दिर को चिल्ली वाला श्रीकृष्ण मंदिर भी कहा जाता है।
मीरशाह मजार : फतेहाबाद में सूफी सन्त मीरशाह (बाबा शाह खान) की मजार है। इस मजार के प्रांगण में एक पत्थर पर बादशाह हुमायूं का अभिलेख भी उत्कीर्ण है।
जाखल मण्डी : घग्घर नदी के किनारे पर जाक्खू द्वारा बसाई गयी एक छोटी सी बस्ती कालान्तर में जाखल मण्डी के रूप में मशहूर हुई। जाखल को मण्डी तब बनाया गया था जब सन् 1892 ई० में यहाँ रेल लाइन बिछाई गई थी। उस समय यहाँ कपास की प्रचुर पैदावार होती थी और इंग्लैण्ड में कपड़ा उद्योग के लिए बतौर कच्चा माल उसकी जरूरत थी। इसलिए अंग्रेजी शासन के दौरान यहाँ मण्डी की स्थापना की गई।
टोहाना : टोहाना जिला फतेहाबाद की प्रमुख तहसील है। टोहाना का किला ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस किले पर 38 बार विदेशी आक्रमण हुए। सिन्धु सतया काल में टोहाना एक विकसित नगर रहा में है। सरस्वती के किनारे बसे इस नगर की चर्चा अष्टाध् यायी के प्रसिद्ध व्याकरणशास्त्री पाणिनि ने भी की थी। यहाँ से पाँच नहरों के निकलने के कारण टोहाना को नहरों का नगर कहा जाता है।