आम आदमी को राहत पहुंचाने के लिए हरियाणा सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने बीमारी के आधार पर मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता प्राप्त करने वालों की सुविधा के लिए एक पोर्टल लॉन्च करते हुए 22 गंभीर बीमारियों को मुख्यमंत्री राहत कोष में शामिल करने का फैसला किया है। इससे यह प्रक्रिया और अधिक आसान हो जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को इस पोर्टल को लॉन्च किया।
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि पूर्व प्रक्रिया की विषमताओं को देखते हुए इस प्रकिया को आम जनता के लिए सरल बनाया गया है। अब आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थी आवेदक सरल पोर्टल https://saralharyana.gov.in/ के माध्यम से इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि सीधे आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
उनके अनुसार, अब आवेदक अपनी पीपीपी आईडी के माध्यम से सरल पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। इस प्रकिया को पूर्ण करने के लिए आवेदक अपने मेडिकल बिल, ओपीडी बिल जैसे दस्तावेजों को अपलोड कर मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) से इलाज के आधार पर वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) सुधांशु गौतम ने पोर्टल की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि जैसे ही आवेदक आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर अपना आवेदन डालेगा वैसे ही आवेदन को संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, अध्यक्ष जिला परिषद, अध्यक्ष ब्लॉक समिति, मेयर/एमसी के अध्यक्ष के पास के लॉगिन किया जाएगा और ये जनप्रतिनिधि पांच दिन के भीतर अपनी सिफारिशों के साथ उपायुक्त को भेजेंगे। उपायुक्त संबंधित तहसीलदार को भूमि विवरण और सिविल सर्जन को मेडिकल दस्तावेजों के सत्यापन के लिए भेजेगा।
उन्होंने बताया कि हर पखवाड़े पर जिला स्तरीय समिति की बैठक होगी जिसमें इलाज के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान करने के मामलों की समीक्षा कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 22 और गंभीर बीमारियों को मुख्यमंत्री राहत कोष में शामिल करने का निर्णय लिया है।
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी और प्रधान सचिव वी. उमाशंकर सहित एनआईसी के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।