दोस्ती पर इन कहानी के माध्यम से जीवन में एक दोस्त की क्या कीमत होती है और दोस्त होने के वास्तविक अर्थ का कहानी के माध्यम से आनंद लें।
रेत पर लिखा – पत्थर पर लिखा
एक दिन दो दोस्त राहुल और केशव बातें करते हुए जा रहे थे, हालाँकि वो दोनों पक्के दोस्त थे पर अचानक किसी बहस में पड़ गए और कहा सुनी में राहुल ने केशव को थप्पड़ मार दिया।
थप्पड़ लगने के बाद केशव ने कुछ नहीं कहा बस नीचे पड़ी रेत पर लिख दिया, “मुझे चोट लगी है क्योंकि आज मेरे दोस्त ने मुझे थप्पड़ मारा है।”
दो दिन बाद दोनों दोस्त फिर मिले और इस बार उन्होंने नदी में नहाने जाने का प्रोग्राम बनाया। अगली सुबह दोनों नदी में नहाने पहुंचे।
तो जब वो नहा रहे थे तो केशव का पैर फिसला और वो डूबने लगा।
जब राहुल ने उसे डूबता देखा जो झट से उसे बचाने के प्रयास में लग गया और उसे बचा लिया।
बचाए जाने के बाद, केशव ने पत्थर पर लिखना शुरू किया “आज मुझे मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने केशव से पूछा “जब मैंने तुम्हें थप्पड़ मारा तो तुमने रेत पर लिखा और जब मैंने तुम्हें बचाया तो तुमने पत्थर पर लिखा, ऐसा क्यों ?”
इस पर केशव ने जवाब दिया “जब लगे की दोस्त से कोई गलती हुई है, उसने हमें कोई चोट पहुंचाई है या हमें किसी बात का बुरा लगे तो अच्छा होगा कि हम रेत पर लिख दें…
क्योंकि यह हवा के साथ मिट जाएगा लेकिन जब आपका दोस्त आपके साथ कुछ अच्छा करे तो हमेशा पत्थर पर लिखें ताकि इसे हमेशा याद रखा जा सके।
कहानी से सीख !
दोस्तों, जहाँ दोस्ती होती है प्यार होता है वहां थोड़ी बहुत बहस, लड़ाई भी होती है। यदि उस एक बात को हम अपने दिल पर लगा लें तो फिर दोस्ती या कोई भी रिश्ता कैसे चल पायेगा। एक दोस्त आपसे लड़ भी सकता है और आपके लिए लड़ भी सकता है। एक तरह आप उसकी गलती को अज़रअंदाज़ करें तो दूसरी तरह उसकी अच्छाई को हमेशा याद भी रखें।
जो अच्छा है, तो अच्छा है,
जो बुरा है तो भी अच्छा है,
दोस्ती के मिज़ाज़ में,
यारों के ऐब नहीं देखे जाते।
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