चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 के तहत निजी स्कूलों पर कैश में फीस लेने पर रोक लगा दी है. ऐसे में आप स्कूलों में फीस चेक व ऑनलाइन माध्यम से जमा करवा सकते है. वही हरियाणा सरकार ने आदेश देते हुए 5 साल से पहले यूनिफॉर्म में बदलाव ना करने के निर्देश दिए. साथ ही अभिभावकों को स्टेशनरी आदि खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और यदि कोई निजी स्कूल 3 बार से अधिक दोषी पाया जाता है तो उसकी मान्यता समाप्त कर दी जाएगी
10.13% से अधिक फीस में नहीं होगी बढ़ोतरी
वही हरियाणा सरकार की ओर से मनचाही फीस वसूली पर लगाम लगाते हुए शिक्षा निदेशालय ने जिला अधिकारियों को पत्र जारी किया है. इस पत्र में आदेश दिया गया है कि कोई भी निजी स्कूल 10.13 फ़ीसदी से अधिक फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकता. जिले में 400 स्कूल है जिन्हें इस आदेश का पालन करना होगा अगर कोई शैक्षणिक संस्थान छात्रों से फीस लेता है तो अभिभावकों से कुछ और फीस वसूली जाती है जबकि कागजों में और कुछ दर्शाया जाता है. ऐसे में स्कूल की फीस जमा कराने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए यह फैसला लिया गया.
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बोर्ड एग्जाम के लिए ली जाएगी केवल फीस
लिखित आदेश जारी होते ही छात्र फीस का भुगतान चेक, एसडीजीएस, डीडीए, एनआईएफटी जैसे डिजिटल माध्यमों से कर सकेंगे. इसी के साथ कोई भी स्कूल 6 महीने में या फिर वार्षिक आधार पर फीस नहीं ले सकेंगे. हालांकि एडमिशन के दौरान कक्षा बारहवीं छठी नौवीं ग्यारहवीं के बाद अभिभावकों को योग्य फीस का भुगतान करना पड़ेगा वहीं स्कूलों को स्पष्ट कर दिया गया है कि बोर्ड परीक्षा के अलावा छात्रों से किसी अन्य एग्जाम की फीस न ली जाए.
हरियाणा शिक्षा संस्थान संगठन ने की फैसले की सराहना
कई स्कूलों में एग्जाम फीस के लिए प्रावधान रखे गए हैं लेकिन किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल द्वारा किसी भी छात्र को अन्य वार्षिक परीक्षा एवं परीक्षाओं के लिए अतिरिक्त फीस के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा हरियाणा शिक्षा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल यादव ने इस फैसले की काफी सराहना की है.