DNA On Mumtaz Khan: महिलाएं मुमताज से ये सीख सकती हैं कि अगर जीवन में गोल स्पष्ट हो तो मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियां भी आपको जीवन का कठिन से कठिन मैच जीतने से नहीं रोक सकतीं.
- जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप में मुमताज का कमाल
- मुमताज ने पूरे टूर्नामेंट में किए 8 गोल
- मुमताज का ये सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था
नई दिल्लीः लखनऊ की सड़कों पर रेहड़ी लगाने वाली गरीब महिला की बेटी ने भारत का नाम रोशन कर दिया है. हम बात कर रहे हैं 19 वर्षीय मुमताज खान की जो जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम की सदस्य है. जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप खेलने के लिए मुमताज इस समय दक्षिण अफ्रीका गई हुई हैं. मुमताज की ये कहानी आज देश की हर महिला को उम्मीद और हौसले से भर देगी.
पूरे टूर्नामेंट में 8 गोल किए
अब से थोड़ी देर पहले भारतीय टीम जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप में कांस्य पदक का मुकाबला इंग्लैंड से हार गई है लेकिन इस टीम में जिस खिलाड़ी की सबसे ज्यादा चर्चा है, वो है मुमताज खान. मुमताज केवल 19 साल की हैं और उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 8 गोल किए हैं, जो कि एक रिकॉर्ड है.
एक हैट्रिक भी उनके नाम
इन 8 गोल में एक हैट्रिक भी उनके नाम है. मुमताज का ये सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था. लखनऊ में उनकी मां सब्जी की रेहड़ी लगाती हैं और आज से कुछ वर्ष पहले तक मुमताज भी उनके साथ लखनऊ की सड़कों पर सब्जी बेचा करती थीं.
गरीबी को कमजोरी नहीं बनने दिया
लेकिन उन्होंने कभी भी गरीबी को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और आज वो भारतीय महिला हॉकी टीम की स्टार प्लेयर हैं. आज हमारे देश के लोग और खास तौर पर महिलाएं मुमताज से ये सीख सकती हैं कि अगर जीवन में गोल स्पष्ट हो तो मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियां भी आपको जीवन का कठिन से कठिन मैच जीतने से नहीं रोक सकतीं.
सब्जी वाले की बेटी ने कमल के दिया लखनऊ की सड़कों पर रेहड़ी लगाने वाली उस महिला से मिलिए जिसकी 19 साल की बेटी मुमताज़ भारत के लिए जूनियर हॉकी वर्ल्डकप खेलने के लिए साउथ अफ्रीका दौरे पर हैं.