क्षेत्रफल: 1258 वर्ग किलोमीटर
जनसंख्या : 1514432
जनसंख्या घनत्व : 1204 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी.
लिंगानुपात: 854
साक्षरता दर: 84.44
गठन की तिथि: 1 नवंबर, 1966
मुख्य उद्योग : सॉफ्टवेयर उद्योग, मारुति, होण्डा ,मोटरसाइकिल, सूजूकी ,मोटरसाइकिल, चीनी मिट्टी बर्तन उद्योग
परिचय :
गुड़गांव जिले में औद्योगिक विकास तथा अभूतपूर्व शहरीकरण होने के कारण अब पूरे देश व विश्व में इस जिले को साईबर सिटी भी कहते हैं। सॉफ्टवेर निर्यात में गुडगांव का चेन्नई और बैंगलौर के बाद तीसरा स्थान है। इसके उत्तर पश्चिम में रोहतक और उत्तर में दिल्ली स्थित हैं। फरीदाबाद इसके पूर्व में है और दक्षिण में इसकी सीमा उत्तर प्रदेश और राजस्थान के साथ सटी है।
- गुडगांव का नाम गुरु द्रोणाचार्य से जुड़ा है। कहा जाता है कि गुरु द्रोण को उनके शिष्यों ने इसे गुरु दक्षिणा के रूप में भेंट किया था। इसलिए इसे ‘गुरुग्राम’ कहा जाने लगा और आगे चलकर यह गुड़गाँव के नाम से जाना जाने लगा।
- इस गांव का पूरा नाम गुड़गाँव मसानी था क्योंकि यहाँ पर मसानी (चेचक की देवी शीतला माता) का प्राचीन मन्दिर स्थापित है।
- गुडगांव जिले के गठन के समय यहाँ तीन रियासतें पटौदी, फर्रुखनगर तथा बल्लभगढ़ थी।
- सन् 1857 तक अंग्रेजों ने अकेले पटौदी को छोड़कर सभी को गुड़गांव के डी.सी के अधीन कर दिया था। जिले का सबसे पहला डी.सी. केवन्डिस बना जिसे लोग घमण्डी साहब कहकर पुकारते थे।
- जिले में गुरु द्रोणाचार्य की पत्नी ‘शीतला माता के नाम से शीतला माता मन्दिर बहुत मशहूर है। • सन् 1858 ई० में यह जिला पंजाब प्रांत में मिला दिया गया था। पंजाब का विभाजन होने पर यह हरियाणा राज्य का जिला बना।
- मारुति उद्योग, जापान के होंडा मोटर्ज, सुजूकी मोटरसाइकिल उद्योगों ने गुड़गांव का नाम दुनिया में रोशन किया है।
पुलिस कमिश्नरेट
हरियाणा में गुडगांव ऐसा पहला जिला है जहाँ पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया है। इसके अन्तर्गत पुलिस महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी को पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है जिसके अधीन भारतीय पुलिस सेवा के छह पुलिस उपायुक्त कार्यरत हैं।
नगर निगम
गुड़गाव नगर परिषद को राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2008 में नगर निगम का दर्जा दिया गया। तक्ष
- महत्वपूर्ण स्थल
शमां पयर्टन केन्द्र
गुड़गांव नगर में हरियाणा पर्यटन निगम की ओर से सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त शमा पर्यटन, केन्द्र प्राचीन दिल्ली-गुड़गांव मार्ग पर स्थित है।
शीतला माता मन्दिर
गुड़गांव की शीतला माता का मेला सम्पूर्ण भारत का एक प्रसिद्ध मेला है। हरियाणा सरकार ने श्री माता शीतला देवी पूजा स्थल बोर्ड का गठन सन् 1991 में किया इस बोर्ड के 11 सदस्य हैं। मुख्यमंत्री हरियाणा इसके अध्यक्ष हैं। जिला उपायुक्त इस बोर्ड के सदस्य सचित एवं मुख्य प्रशासक होते हैं।
गर्म जल का चश्मा, सोहना
गुड़गांव जिले का विश्वविख्यात स्थान सोहना अपने गर्म जल के स्रोतों के कारण अपनी पहचान दूर-दूर तक कायम कर चुका है।
दमदमा झील
सोहना से मात्र आठ किलोमीटर दूरी पर 7 प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर दमदमा झील है। मछली 5 शिकार के शौकीन पर्यटकों के लिए यह एक रमणीय स्थान है।
पटौदी महल : हरियाणा के गुडगाँव जिले के छोटे से कस्बे पटौदी में वास्तुकार हेंज ने नवाब इब्राहिम अली खाँ के महल का डिजाइन बनाया और परिणामस्वरूप सन् 1935 में पटौदी महल नाम से एक भव्य भवन का निर्माण हुआ जिसे गाँव के लोग ‘व्हाइट पैलेस के नाम से पुकारते हैं। अब इस महल में नीमराणा समूह की ओर से हैरिटेज होटल चलाया जा रहा है। आज भी इसे नवाब मसूर अली पटौदी का महल कहा जाता है।
सुलतानपुर पक्षी विहार
राजधानी दिल्ली से 46 किमी दूर गुड़गांव फर्रुखनगर सड़क पर हरियाणा का अति सुरम्य सुलतानपुरपक्षी विहार स्थल है। इस पक्षी विहार की खोज का श्रेय पीटर जैक्सन नामक एक पक्षी प्रेमी को जाता है।
सराय अलावरदी ग्राम की मस्जिद
गुड़गांव जिले में स्थित सराय अलावरदी ग्राम में स्थित यह मस्जिद बहुत प्राचीन है। यह मस्जिद अलाउद्दीन खिलजी के काल में बनायी गयी थी। मुसलमानों में इसकी बहुत मान्यता रही है।
यहाँ के सातवें नवाब अहमद ऐतिहासिक स्थल फर्रुखनगरअली गुलाम खों को प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाने पर दिल्ली बुला कर अंग्रेज सरकार द्वारा फाँसी दे दी गयी थी। फर्रुखनगर के शीश महल का जीर्णोद्धार भारतीय प्ररातत्व विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त फर्रुखनगर में एक अनोखा मन्दिर है जिसके साथ गुरुद्वारा भी बना हुआ है। इस मन्दिर के भवन की आकृति मस्जिदनुमा है और मन्दिर व गुरुद्वारा एक ही भवन में स्थित हैं। ऐतिहासिक दिल्ली दरवाजा का. जीर्णोद्धार सरकार द्वारा करवाया गया है और यहाँ की एक अष्टकोणीय बावड़ी की दीवारों पर प्राचीन चित्रकारी के नमूने देखे जा सकते हैं। फर्रुखनगर मुड्ढों के लिए भी प्रसिद्ध है जो पुराने समय में कुर्सी के स्थान पर बैठने के काम आते थे।
किला, सोहना
जिला गुड़गांव में स्थित सोहना नगर 18वीं शताब्दी में सोहनसिंह नामक राजा द्वारा बसाया गया था। भरतपुर के राजा जवाहसिंह के समय यहाँ पर एक किले का निर्माण करवाया गया जो खण्डहर रूप में आज भी विद्यमान है।
प्रमुख खनिज पदार्थ
शोरा, चीनी मिट्टी तथा स्लेट-पत्थर यहाँ के प्रमुख खनिज पदार्थ हैं।
पटौदी
यह अकबर के शासनकाल में रेवाडी सरकार का एक परगना था। अंग्रेजों के कब्जे के बाद यह परगना रियासत बना जिसके नवाब शासकों में रियासत के संस्थापक फैज तलब खाँ (1806 से 1862 ई०) से लेकर मुहम्मद अकबर अली खाँ (1831-1862 ई०). मुहम्मद मुख्तियार हुसैन खाँ (1877-78 ई०) मुहम्मद मुमताज हुसैन खाँ (जन्म 1881 ई०. मृत्यु 1898 ई०) मुजफ्फर अली खाँ (1898-1913 ई०) मुहम्मद इब्राहिम अली खाँ (1913-1917 ई०) व इफ्तिखार अली खाँ (1917 1947 ई०) शामिल हैं। इस रियासती कस्बे का नाम चमकने का कारण यही नवाब इफ्तिखार अली खाँ था जो क्रिकेट, हॉकी और बिलियर्ड का अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी था। सन् 1928 में वह भारतीय हॉकी टीम का सदस्य था जो ओलम्पिक में खेली थी। सन् 1931 में वह भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बना जिसे टाइगर पटौदी के नाम से जाना जाता है।
फर्रुखनगर
गुड़गांव जिले में स्थित फर्रुखनगर नामक एक छोटा सा नगर है यहाँ बड़ी मात्रा में नमक बनया जाता था और बाहर भेजा जाता था। दलेल खाँ द्वारा निर्मित दिल्ली दरवाजा और शीशमहल इस नगर की दर्शनीय प्राचीन इमारतें हैं।
सन् 1747 ई० से कामगार खाँ (1747-1759). मूसा खाँ (1759-1763 1773-1774), ईसा खाँ (1774-1810), मुजफ्फर खाँ (1810 से 1824), याकूब अली खाँ (1824 से 1850) और अहमद अली खाँ (1850 से 1857) ने इस पर शासन किया।
सोहना
गुडगांव से ठीक 25 किमी दूर दक्षिण में स्थित सोहना करवा एक ऐतिहासिक बस्ती है। सोहना अपने गरम पानी के स्रोतों के लिए प्रसिद्ध है। झरने का पानी गन्धक के कारण से गरम निकलता है। आपातकाल के दौरान सन् 1975 से 1977 तक मोरारजी देसाई और देवीलाल सीरखे नेताओं को यहीं पर नजरबन्द करके रखा गया था।
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