#जीवविज्ञान || Biology || One Liner 100 प्रश्न || PART 6-01-100 || #HSSC #SSC #RAILWAY EXAMS.

जीव विज्ञान सामान्य ज्ञान 1

  1. प्रसिद्ध ग्रीक दार्शनिक अरस्तु को जीव विज्ञान एवं जंतु विज्ञान का जनक कहा जाता है |
  2. वनस्पति विज्ञान का जनक थियोफ्रेस्टस को कहा जाता है |
  3. चिकित्सा विज्ञान का जनक हिप्पोक्रेटस को कहते हैं |
  4. कैरोलस लीनियस को वर्गीकी का जनक कहा जाता है | इन्होने ने जीवों की द्विनाम पद्धति को प्रचलित किया | इस पद्धति के अनुसार प्रत्येक जीवधारी का नाम लैटिल भाषा के दो शब्दों से मिलकर बनता है, पहला शब्द वंश नाम तथा दूसरा शब्द जाति का कहलाता है | उदाहरण :

मनुष्य – Homo Sapiens
मेंढक – Rana Tigrina
आम – Mangifera Indica
सरसो – Brassica Campestris

  1. लैमार्क द्वारा प्रस्तुत वर्गीकरण मे जीवों को केवल दो जगतों जंतु जगत एवं पादप जगत में विभाजित किया गया |
  2. संघ प्रोटोजोआ के जंतु सबसे सरल होते हैं, और इसे सृष्टि के प्रथम जंतु मानते हैं | इसका शरीर एक कोशकीय होता है |
  3. अमीबा एक अनिश्चित आकार वाला सूक्ष्म अकोशकीय प्राणी है |
  4. फीता कृमि या टीनिया मनुष्य की आंत मे पाया जाने वाला एक रोग जनक परजीवि है |
  5. केंचुआ एवं जोंक द्विलिंगी जंतु हैं |
  6. जंतुओं का सबसे बडा संघ ‘संघ आर्थोपोडा’ है |
  7. घोंघा, सीप, आदि का खोल कैल्शियम कार्बोनेट का बना होता है |

12 घोंघा, आक्टोपस आदि के रक्त में हीमोग्लोविन अनुपस्थित होने के कारण रक्त रंगहीन होता है |

13 सीपिया जैसे कुछ जंतु में हीमोसायनिन के कारण रक्त का रंग नीला होता है |

14 आक्टोपस को शैतानी मछली के नाम से जाना जाता है |

15 अमीबा प्रोटोजोआ संघ का जंतु है |

16 पेचिश नामक रोग एण्ट अमीबा द्वारा फैलता है |

17 हिप्पोकैम्पस को समुंद्री घोडा भी कहते हैं |

18 समुंद्री घोडा मत्स्य वर्ग का जंतु है |

19 मेंढक उभयचर है क्योंकि यह जल-स्थल चर जंतु है |

20 मेंढक त्वचा से स्वसन करने वाला प्राणी है |

21 जंतुओं के विकास का सही क्रम: मत्स्य-उभयचर-सरीसृप एवं पक्षी है |

22 मानव यूथीरिया उपवर्ग का प्राणी है |

23 कोशिका की खोज राबर्ट हुक ने की |

24 राबर्ट ब्राउन ने कोशिका में केंद्रक की खोज की |

25 कोशिका जीव की सबसे छोटी कार्यात्मक एवं संरचनात्मक इकाई होती है |

26 सबसे लम्बी कोशिका तंत्रिका तंत्र की कोशिका है |

27 सबसे बडी कोशिका शुतुर्मुर्ग के अण्डे की कोशिका है |

28 कोशिका भित्ती केवल पादप कोशिका में पाया जाता है | यह सेलुलोज का बना होता है | यह कोशिका को निश्चित आकृति एवं आकार बनाए रखने में सहायक होता है |

29 ऊर्जा युक्त कार्बनिक पदार्थों का आक्सीकरण माइटोकाण्ड्रिया मे होता है, जिसमे काफी मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है, इस लिए माइटोकाण्ड्रिया को कोशिका का शक्ति केंद्र कहते हैं |

30 रिक्तिका में एंथोसायनिन जैसे पदार्थ होते हैं जिसके कारण फूलों का रंग लाल, नीला, पीला आदि होता है |

 

31 माइटोकाण्ड्रिया कोशिका के अंदर होने वाले आक्सी श्वसन का केंद्र है | यहां मुख्यत: कार्बोहाइड्रेट तथा वसा के आक्सीकरण द्वारा ऊर्जा उत्पन्न होती है | इसी कारण इसे कोशिका का ऊर्जा गृह कहते हैं |

32 हरित लवक: यह हरे रंग का होता है क्योंकि इसके अंदर एक हरे रंग का पदार्थ पर्णहरित होता है जिसे क्लोरोफिल भी कहते हैं |इसकी सहायता से पौधा प्रकाश संश्लेषण करता है और भोजन बनाता है | इसलिए हरित लवक को पादप कोशिका की रसोई कहते हैं |

33 पत्तियों का रंग पीला उसमें कैरोटिन के निर्माण होने के कारण होता है |

34 अवर्णी लवक: यह रंगहीन लवक है | यह पौधै के उन भागों की कोशिकाओं में पाया जाता है जो सूर्य के प्रकाश से वंचित हैं | जैसे : जडों, भूमिगत तनों आदि में |यह भोज्य पदार्थों को संग्रह करने वाला लवक है |

35 वर्णी लवक: ये रंगीन लवक होते हैं | जो प्राय: लाल, पीले एवं नारंगी रंग के होते हैं | ये पौधै के रंगीन भाग जैसे पुष्प आदि में पाये जाते हैं | वर्णी लवक के उदाहरण :टमाटर मे लाइकोपेन, गाजर मे कैरोटीन, चुकंदर मे विटानीन |

36 हरे टमाटर व मिर्चा पकने पर लाल हो जाते हैं, ऐसा क्लोरोप्लास्ट का क्रोमोप्लास्ट में परिवर्तन होने के कारण होता है |

37 आलू का जो भाग मिट्टी की सतह पर होता है वह हरा हो जाता है, क्योंकि आलू मे उपस्थित ल्युकोप्लास्ट क्लोरोप्लास्ट मे परिवर्तित हो जाता है |

38 क्लोरोप्लास्ट लवक केवल प्रकाश संश्लेषी पौधों में पाया जाता है | पर्णहरिम की परतें सूर्य के प्रकाश को अवशोषित कर इस ऊर्जा का उपयोग जल के अणुओं को तोड कर उनसे हाइड्रोजन एवं आक्सीजन अलग –अलग करने में किया जाता है | जल से प्राप्त हाइड्रोजन ही कार्बन डाई आक्साइड के साथ मिल कर भोजन बनाने का कार्य करती है |

39 प्रत्येक जाति के जीवधारियों मे सभी कोशिकाओं के केंद्रक में गुणसूत्र की संख्या निश्चित होती है | उदाहरण : मानव में 23 जोडा, चिम्पाजी मे 24 जोडा, तथा बंदर में 21 जोडा |

40 DNA सभी आनुवांशिक क्रियाओं का संचालन करता है | जीन इसकी इकाई है | यह प्रोटीन संश्लेषण को नियंत्रित करता है |यह मुख्यत: केंद्रक में पाया जाता है |

41 DNA से RNA का संश्लेषण होता है | यह केंद्रक एवं कोशिका द्रव्य दोनों मे पाया जाता है |

42 RNA आनुवांशिक सूचना वाहक है |

43 DNA कोशिकाओं की समस्त जैविक क्रियाओं को नियंत्रित करता है |

44 RNA का मुख्य कार्य प्रोटीन का संश्लेषण करना होता है |

45 कोशिका का ईंधन कार्बोहाइड्रेड (ग्लूकोज) को कहते हैं |

46 माइटोकांड्रिया मे ऊर्जा ए.टी.पी. के रूप मे बनती है |

47 गुण सूत्र की रचना डी.एन.ए. तथा प्रोटीन से होती है |

48 प्रत्येक जीवधारी की सूक्ष्मतम् इकाई कोशिका है |

49 जीवद्रव्य की रचना जल ,अकार्बनिक तथा कार्बनिक पदार्थों द्वारा होती है |

50 माइटोकांड्रिया का सम्बंध श्वसन से होता है |

51 पौधों मे जल का परिवहन जाइलम या दारू ऊतक द्वारा होता है |

52 फ्लोएम ऊतक का प्रमुख कार्य पौधों के हरे भागों मे निर्मित भोज्य पदार्थों को दूसरे भागों मे वितरित करना होता है |

53 पादपों मे विभाज्योतक ऊतक की उपस्थिति के कारण ही वृद्धि की क्रिया निरंतर उनके जीवन भर होती रहती है,पौधों मे वृद्धि केवल कुछ निश्चित वृद्धि केंद्रों पर होती है, जो प्राय: मूल शीर्ष (जड का अग्र सिरा) तथा प्ररोह शीर्ष (तने या शाखाओं के अगले सिरे) पर होती है |

54 फ्लोएम ऊतक का प्रमुख कार्य पौधों के हरे भाग मे निर्मित भोज्य पदार्थ को दूसरे भागों मे वितरण करना होता है |

55 शरीर की समस्त ऐच्छिक तथा अनैच्छिक पेशियों का निर्माण पेशी ऊतकों से होता है | हृदय, फेफडे, आमाशय, आतें, वृक्क आदि का निर्माण भी पेशी ऊतकों से होता है |

56 तंत्रिका ऊतक ऐसी विशेष कोशिकाओं से बनते हैं जो शरीर में संवेदनों को अंगों से मस्तिष्क तक तथा मस्तिष्क से अंगों तक ले जाने का कार्य करती हैं |

57 अस्थि एक सुदृढ सन्योजी ऊतक है |

58 हृदय पेशियां अरेखित पेशियां हैं एवं अनैच्छिक हैं |

59 रेखित पेशियों का कार्य ऐच्छिक पेशियों का संचालन करना होता है |

60 संदेश संवहन की मूल इकाई तंत्रिका कोशिका है |

जीव विज्ञान सामान्य ज्ञान 3

61 शैवाल प्राय: पर्णहरित युक्त, संवहन ऊतक रहित, आत्मपोषी होते हैं |

62 जड पौधों का अवरोही भाग है, जो मुलांकुर से विकसित होता है |

63 पुष्प पौधों का जनन अंग होता है |

64 पत्ती हरे रंग की होती है, इसका मुख्य कार्य प्रकाश-संश्लेषण द्वारा भोजन बनाना होता है |

65 प्रकाश संश्लेषण के लिए कार्बन डाई आक्साइड, पानी, क्लोरोफिल एवं सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है |

66 स्थलीय पौधे वायुमण्डल से कार्बन डाई आक्साइड लेते हैं, जबकि जलीय पौधे जल में घुली कार्बन डाई आक्साइड लेते हैं |

67 पत्ती की कोशिकाओं मे जल शिरा से परासरण द्वारा एवं कार्बन डाई आक्साइड वायु मण्डल से विसरण द्वारा जाता है

68 प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक जल पौधों की जडों के द्वारा अवशोषित किया जाता है, एवं प्रकाश संश्लेषण के दौरान निकलने वाला आक्सीजन इसी जल के अपघटन से प्राप्त होता है |

69 क्लोरोफिल पत्तियों मे हरे रंग का वर्णक है, इसके 4 घटक हैं- क्लोरोफिल ए एवं बी, कैरोटीन तथा जैंथोफिल | इसमे क्लोरोफिल ए एवं बी हरे रंग का होता है और ऊर्जा का स्थानांतरण करता है | यह प्रकाश संश्लेषण का केंद्र होता है |

70 क्लोरोफिल के केंद्र में एक मैग्निशियम का परमाणु होता है |

71 क्लोरोफिल प्रकाश से बैगनी, नीला तथा लाल रंग को ग्रहण करता है |

72 प्रकाश संश्लेषण की दर लाल रंग के प्रकाश मे सबसे अधिक एवं बैगनी रंग के प्रकाश में सबसे कम होता है |

73 प्रकाश संश्लेषण की क्रिया एक उपचयन एवं अपचयन की अभिक्रिया है | इसमें जल का उपचयन आक्सीजन के बनने में तथा कार्बन डाई आक्साइड का अपचयन ग्लूकोज के निर्माण में होता है |

74 आक्सिंस नामक पादप हार्मोन पौधों की वृद्धि को नियंत्रित करने वाला हार्मोन है | यह फसलों को गिरने से बचाता है |

75 जिबरेलिंस नामक हार्मोन के छिडकाव द्वारा वृहद आकार के फल एवं फूलों का उत्पादन किया जाता है |

76 एथिलीन एक ऐसा हार्मोन है, जो गैसीय रूप में पाया जाता है | यह फलों को पकाने में सहायता करता है |

77 फ्लोरिजेंस नामक हार्मोन पत्ती में बनते हैं, लेकिन फूलों के खिलने मे मदद करता है | इसलिए इसे फूल खिलाने वाला हार्मोन कहते हैं |

78 संसार मे सबसे लम्बा वृक्ष सिकोया है, यह एक नग्न बिजीय है | इसे कोस्ट रेड वुड आफ कैलिफोर्निया भी कहते हैं |

79 सबसे बडा फल लोडोसिन है, इसे डबल कोकोनट भी कहते हैं | यह केरल मे पाया जाता है |

80 सबसे छोटे गुणसूत्र शैवाल में एवं सबसे लम्बे ट्राइलियम में होते हैं |

81 काफी मे कैपीन पाया जाता है |

82 अफीम पोपी के पौधे से प्राप्त की जाती है इसमें मोपीन होती है |

83 हिरोइन अफीम पोस्ता से प्राप्त की जाती है |

84 लौंग फूल की कली से प्राप्त की जाती है |

85 धान में खैरा रोग जस्ता की कमी से होता है |

86 अफीम से हिरोइन, मारफीन एवं स्मैक प्राप्त किये जाते हैं |

87 तम्बाकू में पाया जाने वाला उत्तेजक पदार्थ निकोटीन है |

88 निद्राकारक दवा बार्बीट्यूरेट्स है |

89 आस्ट्रिया के वैज्ञानिक ‘ग्रेगर जोहन मेंडल’ को आनुवंशिकी का पिता कहा जाता है |

90 आनुवंशिकी सम्बंधी प्रयोग के लिए मेंडल ने मटर के पौधे का चुनाव किया था |

जीव विज्ञान सामान्य ज्ञान 4

91 जीन आनुवांशिकता की इकाई है तथा इन्ही के द्वारा मातृ-कोशिका से युग्मकों के द्वारा संतानों में आनुवंशिक लक्षणों का स्थानांतरण होता है |

92 मनुष्य में गुण सूत्रों की संख्या 46 होती है | निषेचन के समय यदि अण्डाणु X गुण सूत्र वाले शुक्राणु से मिलता है तो युग्मनज में 23 वीं जोडी XX होगी और इससे बनने वाली संतान लडकी होगी |

93 इसके विपरीत किसी अण्डाणु से Y गुण सूत्र वाला शुक्राणु निषेचित होगा तो, 23 वीं जोडी XY गुण सूत्र वाला युग्मनज बनेगा तथा संतान लडका होगा |

94 नर में X एवं Y लिंग गुणसूत्र तथा मादा में दो X लिंग गुणसूत्र पाये जाते हैं | अत: पुरूष का गुणसूत्र संतान में लिंग निर्धारण के लिए उत्तरदायी होता है |

95 गुणसूत्र का निर्माण डी.एन.ए. तथा प्रोटीन से होता है |

96 उत्परिवर्तन का कारण जीन परिवर्तन होता है |

97 जाति एवं गुणसूत्रों की संख्या : मटर-14, मेंढक-26, चूहा-40, मनुष्य-46, चिम्पाजी-48 |

98 हीमोफीलिया : यह एक वंशानुगत रोग है, इस रोग से पीडित व्यक्ति में रक्त के जमने या थक्का बनने की क्षमता समाप्त हो जाती है |

99 वर्णांधता : यह एक आनुवांशिक रोग है | इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति लाल एवं हरे रंग में भेद नहीं कर सकता है | यह लिंग सहलग्न रोग है | इसका जीन X गुणसूत्र पर होता है |

100 वर्णांध पुरूष के X गुणसूत्र पर वर्णांधता का जीन होता है | यह जीन पिता से पुत्री में और पुत्री से बेटे में वंशागत होता है |

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