युद्धग्रस्त यूक्रेन से छात्रों को निकालने में मोदी सरकार का ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) तेजी से चल रहा है। कभी रूस के राष्ट्रपति से फोन पर बात कर हमले रुकवाकर पीएम मोदी छात्रों को सुरक्षित बॉर्डर के देशों तक पहुंचा रहे हैं तो कभी पिसोचिन तक बसें भेजकर। अब तक 13 हजार से अधिक लोगों को सरकार निकाल चुकी है।
नई दिल्ली।:
यूक्रेन में फंसे छात्रों (Students in Ukraine) को निकालने के लिए मोदी सरकार युद्धस्तर पर अभियान चला रही है।
शनिवार को सरकार ने पिसोचिन तक तीन बसें भेजीं। इन बसों के जरिये छात्रों को यूक्रेन के बॉर्डर (Ukraine border) तक लाया जा रहा है। माइनस तापमान वाले इलाके में भारतीय दूतावास की तरफ से भेजी गई यह बस गुनगुनी धूप का अहसास कराने वाली थी।
अगले कुछ घंटे में पिसोचिन से सभी को निकाल लेंगे:
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिसोचिन और खार्किव से अगले कुछ घंटों में हम सभी को बाहर निकालने में सक्षम होंगे। मंत्रालय ने कहा कि जहां तक हमे जानकारी है कि अभी खारकीव में कोई नहीं बचा है। अब पूरा फोकस सुमी पर है। वहां चुनौतियां बहुत सारी हैं। दरअसल, सुमी में हिंसा जारी है। इस वजह से वहां परिवहन के साधनों का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि सुमी के लिए हम कोशिश कर रहे हैं कि युद्धविराम की स्थिति बनाएं।
2,900 लोग पिछले 24 घंटे में स्वदेश लौटे:
पिछले चौबीस घंटे में 15 उड़ानें भारत आई हैं। इनमें 2,900 लोग यूक्रेन से स्वदेश लौटे हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक अब तक यूक्रेन से 13,300 नागरिकों को भारत लाया जा चुका है। इनमें से ज्यादातर छात्र हैं। अगले 24 घंटों के लिए 13 उड़ानें तय हैं।
रूस ने कई शहरों को खंडहर बनाया:
यूक्रेन की राजधानी कीव और खारकीव पर रूस कई दिनों से लगातार हमले कर रहा है। खबरों के मुताबिक करीब 20 फीसदी यूक्रेन पर रूस ने कब्जा ने कर लिया है। उसके दो परमाणु ऊर्जा प्लांटों
पर भी अब रूसी सेना का कब्जा है। हमले के 11वें दिन रूस ने दो शहरों में सीजफायर कर स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए कॉरिडोर बनाया। रूस का कहना है कि वह नागरिकों पर हमले नहीं कर रहा है, जबकि उसके हमले में एक भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा समेत यूक्रेन के भी कई लोगों की मौत हो चुकी है।
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