हिसार जिले की पूरी जानकारी यह से देखे|| 3

HARYANA DARSHAN

जिला हिसार

  • हिसार की स्थिति यह हरियाणा के पश्चिमी भाग में स्थित है।
  • • हिसार की स्थापना 1 नवम्बर, 1966 –
  • हिसार का मुख्यालय –हिसार में ही स्थित है।
  • हिसार का क्षेत्रफल 3983 वर्ग किलोमीटर 
  • हिसार का उपमंडल – हिसार, हांसी, बरवाला
  • हिसार का खण्ड आदमपुर, बरवाला, हिसार-1, हिसार-2, नारनौद, अग्रोहा, उकलाना, हाँसी-1, हाँसी-2
  • हिसार की तहसील -हिसार, हांसी, नारनौंद, बरवाला, बास और आदमपुर 
  • हिसार की उप-तहसील -उकलाना मंडी, बालसमन्द, बास.
  • हिसार की कुल जनसंख्या -17,43,931 (2011) की जनगणना के अनुसार
  • हिसार की साक्षरता दर -72.89 प्रतिशत (2011) की जनगणना के अनुसार 
  • हिसार का लिंग अनुपात – 872/1000
  • हिसार का जनसंख्या घनत्व -438 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर

हिसार के प्राचीन / उपनाम नाम

  • ईसुयार
  • हिसार ऐ फ़िरोज़ा
  • स्टील सिटी
  • इस्पात नगरी मैग्नेट सिटी

इतिहास

  • फिरोज़ शाह तुगलक ने सन 1354 में हिसार नगर की स्थापना की। उसने इस नये नगर हिसार-ए-फिरोजा को महलों, मस्जिदों, बगीचों, नहरों और अन्य इमारतों से सजाया था।
  • ‘हिसार फारसी शब्द है। इसका अर्थ किला या घेरा है। सन् 1354 में दिल्ली के सुल्तान फिरोज़शाह ने यहा जिस किले का निर्माण कार्य शुरू करवाया, उसका नाम ‘हिसार-ए-फिरोज़ा’ पड़ा यानि फिरोज का हिसार। अब समय की यात्रा में केवल हिसार रह गया है। हिसार का नाम आज देश के प्रमुख शहरों में शुमार हो चुका है। हिसार भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर 09 पर दिल्ली से 164 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  •  हिसार जिले में अग्रोहा, राखीगढ़ी, (बनावाली, कुनाल और भिरडाना अब फतेहाबाद जिला में) नामक स्थलों की खुदाई के दौरान पहली बार मानव सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनके अध्ययन से प्रि हड़प्पन सेटलमेंट और प्रागैतिहासिक काल के इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है। हिसार किले में स्थापित सम्राट अशोक के शासनकाल के समय का स्तम्भ (234 ए0डी0) वास्तव में अग्रोहा से लाकर यहां स्थापित किया गया था।
  • ‘हिसार-ए-फिरोज़ा’ की नीवं से पहले यहां पर दो गांव बड़ा लारस एवं छोटा लारस थे। बड़े लारस में 50 खरक (चारागाह) थी तथा छोटे लारस में 40 खरक थी। बड़े लारस की नजदीक का क्षेत्र फिरोज़शाह को पसंद आया, जहां उसने किले का निर्माण अपनी देख-रेख में करवाया। इसके निर्माण में दो से ढाई साल लगे। इस क्षेत्र में शेरों, चीतों एवं दूसरे जंगली पशुओं की भरमार थी तथा यह भारत की एक सर्वोतम शिकारगाह थी। इसके अलावा यहा पर बतखखाना और कई बाग व बगीचे हुआ करते थे। सुल्तान फिरोज़शाह तुगलक को हिसार से इतना लगाव था कि वह इसे इस्लामिक धार्मिक शहर बनाना चाहता था।
  • चार कुतुब दरगाह कुतुब का अर्थ है, वह विद्वान जो समाज का मार्गदर्शन पर दिशा प्रदान करें। हांसी में स्थित चार कुतुब दरगाह में चार सूफी संतों की मजारे हैं।
  • शेख कुतुब जमालुद्दीन अहमद (1188 1263) 
  • सेव कुतुब मौलाना बुरहानुद्दीन ( 1261 1300 ) 
  • शेख कुतुबुद्दीन मुनव्वर (1352)
  • मीरा साहब की मजार हंसी के प्राचीन दुर्ग के ऊपर उत्तर दिशा में स्थित बाबा मीरा साहेब की मजार लगभग 800 वर्ष पुरानी मानी जाती है। बाबा मीरा साहिब का पूरा नाम हजरत निजामत उल्ला वली उर्फ मीरा साहिब था।
 
पर्यटन स्थल
 
  • अग्रोहा धाम ऐसी मान्यता है कि अग्रोहा किसी समय महाराजा अग्रसेन के – राज्य की राजधानी था। यह नगर अत्यंत सुसमृद्ध और सम्पन्न था, लेकिन कालान्तर में यह विदेशी आक्रमणों से नष्ट हो गया, परन्तु आज अग्रोहा धाम एक धार्मिक एवं दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित हो चुका है। इसकी देखरेख एवं विकास अग्रोहा ट्रस्ट द्वारा की जाती है।
 
  • अग्रोहा धाम में महाराजा अग्रसेन, कुलदेवी महालक्ष्मी, शक्ति शीला माता मंदिर, मां वैष्णो देवी मंदिर, वीणा वंदिनी सरस्वती मंदिर, हनुमान मंदिर, 90 फुट ऊंची भगवान मारूति की प्रतिमा, महाराजा अग्रसेन का प्राचीन मंदिर, भैरो बाबा का मंदिर, बाबा अमरनाथ की गुफा, हिमानी शिवलिंग, तिरूपति की भव्य मूर्ति एवं शक्ति सरोवर इत्यादि धार्मिक दर्शनीय स्थल हैं। यहां मनोरंजन के लिए नौका विहार एवं बच्चों के लिए आधुनिक झूले, बाल क्रिड़ा केन्द्र (अप्पूघर) भी हैं। यहां श्रद्धालु अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराने आते हैं। भाद्रपद अमावस्या को यहां बड़ा मेला लगता है। अग्रवाल समाज इसे अपना पांचवां धाम मानता है।
  • गुजरी महल बस स्टैंड के पास बने ओ.पी. जिन्दल पार्क के सामने स्थित गुजरी महल जो बारादरी के नाम से भी जानी जाती है, का एक अपना रोचक इतिहास है। ऐसी किवंदती है कि गुजरी महल सुलतान फिरोजशाह तुगलक ने अपनी प्रेयसी गुजरी के रहने के लिए बनाया था, जो हिसार की रहने वाली थी। 
 
  • लाट की मस्जिद – लाट की मस्जिद किले की शान एवं ऐतिहासिक धरोहर है।किले के अंदर फिरोज़शाह ने एक मस्जिद का निर्माण करवाया था, जिसे लाट की मस्जिद के नाम से जाना जाता है।
 
  • प्राचीन गुम्बद -आयरलैंड का निवासी जार्ज थामस, जिसने सिरसा से रोहतक तक के क्षेत्र पर अपना शासन स्थापित किया, ने जहाज कोठी का निर्माण सन् 1796 में अपनी रिहायश के लिए करवाया था। राज्य सरकार द्वारा सुरक्षित घोषित यह स्मारक देखने में समुद्री जहाज की तरह प्रतीत होता है। प्रारम्भ में यह स्मारक जार्ज कोठी के नाम से जाना जाता था लेकिन समय गुजरने के साथ जार्ज कोठी को जहाज कोठी के नाम से जाना जाने लगा। अब इस ऐतिहासिक स्मारक में क्षेत्रीय पुरातात्विक संग्रहालय स्थापित है। 
 
  • तुगलक काल का मकबरा -यह असंरक्षित मकबरा गुरू जम्भेश्वर विश्वविद्यालय –में स्थित बड़ा मंडल है जो गुम्बद से ढका है। इसका निर्माण इंटों द्वारा किया गया. है। यह हिसार के अन्य मकबरों से भिन्न दिखता है। 
 
  • इस इमारत के दक्षिण की तरफ दो शिलालेख हैं। ये ऐतिहासिक शिलालेख नक्शी लिपि में दीवारों में चिने गए पत्थरों पर अंकित है। शिलालेख में चार पंक्तियों में फारसी में लिखा गया है कि यह मकबरा तथा बाग 975/1567-8 में अबा याजत्रीद के आदेश पर बनाए गए थे।
 
  • दूसरा शिलालेख नस्खी लिपि में दिक्षण प्रवेश की चैखट पर है। शिलालेख की सुंदर लिखावट नींव के पत्थरों की लिखावट से भिन्न है और तुगलक काल का प्रतीत होती है।
 
  • श्री दिगम्बर जैन मन्दिर नागोरी गेट में स्थित इस प्रसिद्ध जैन मंदिर का निर्माण सन् 1820 में किया गया। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसके निर्माण में किसी व्यक्ति विशेष के नाम का उल्लेख न करके पंचायत का नाम दिया गया है। जैन धर्म के लोगों की इस विशेष आस्था है जिस में अनेक जैन मूर्तियां संग्रहित हैं। 
 
  • हांसी -हांसी शहर भारत के प्राचीनतम ऐतिहासिक शहरों में एक है। मनुष्य की . सभ्यता के प्रारम्भ से लेकर आधुनिक काल तक के प्रमाण यहां मौजूद हैं। कुषाण काल से लेकर राजपूत काल तक हांसी में रहने वालों का जीवनस्तर वैभवपूर्ण व संपन्न था।
  • यहां स्थित स्मारक किले के ऊपर बने भवन, बड़सी दरवाजा, मुस्लिम काल की मस्जिदें व दरगाह चार कुतुब आदि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र हैं।
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  • पृथ्वीराज चौहान का दुर्ग यह दरवाजा हांसी का ही नहीं, बल्कि हरियाणा की शान है व राष्ट्रीय स्तर के समारकों में से एक है। दरवाजे के निर्माण में वास्तुकला के साथ ही सौंदर्य कला व तकनीक का बड़ी सूक्ष्मता से ध्यान रखा गया था। • इसके अनुसार अलाउद्दीन खिलजी ने सन् 1303 ई0 में इसका निर्माण करवाया . था।
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  • दरगाह चार कुतुब हांसी शहर के पश्चिम की तरफ स्थित यह प्राचीन स्मारक चार कुतुब की दरगाह के नाम से प्रसिद्ध है। जमालुद्दीन हांसी (1187-1261) बुरहानुद्दीन ( 1261-1300) कुतुबउद्दीन मुनव्वर ( 1300-1303) और रूकनूद्दीन (1325-1397) अपने समय के महान सूफी संत थे और इन्हें कुतुब का दर्जा हासिल था।
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  • ऐसा कहा जाता है कि यह दरगाह उसी स्थान पर है जहां बाबा फरीद ध्यान और प्रार्थना किया करते थे। इस दरगाह के उत्तरी दिशा में एक गुबंद का निर्माण सुलतान फिरोजशाह तुगलक ने करवाया था। मुगल बादशाह हुमांयू जब अपनी सल्तनत खो बैठा तो उसने दरगाह में आकर दुआ की थी। 
  • इसे यह भी गौरव प्राप्त है कि यहां एक ही परिवार के लगातार चार सूफी संतों की मजार एक ही छत के नीचे है, इसलिए इसका नाम दरगाह चार कुतुब है यह कहा जाता है कि यदि यहां पांच कुतुब बन जाते तो यह मक्का के स्तर का पवित्र स्थान बन जाता।
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  • राखीगढ़ी – राखीगढ़ी दो शब्दों का योग है, राखी एवं गढ़ी। राखी दृषद्वती का अन्य नाम है। अतः इस नदी के किनारे बसे हुए शहर के गढ़ को राखीगढ़ी गहा गया। धोलावीरा, कच्छ, गुजरात के बाद राखीगढ़ी हड़प्पा सभ्यता के समय का एक विशाल स्थल है। • यह दिल्ली के पश्चिम-उत्तर में 130 किलोमीट  की दूरी पर विलुप्त सरस्वती दृषद्वती नदी के पास नारनौंद तहसील में स्थित है।
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  • • कुल पांच विशाल थेह थे और हाल ही में हुई खुदाई के दौरान हड़प्पा सभ्यता के योजनाबद्ध तरीके से निर्मित नगर व्यवस्था, रिहायशी घर जिसमें कमरे, रसोई, स्नानघर, सड़कें, अनाज रखने के बर्तन, पानी निकासी की व्यवस्था, नगर की नाकाबंदी इत्यादि के अवशेष मिले हैं।
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  • अग्रोहा ह हिसार से 23 किलोमीटर की दूरी पर दिल्ली – हिसार- फाजिल्का राजमार्ग-09 पर स्थित प्राचीन स्थल एवं विशाल थेह पर की गई खुदाई से प्राप्त पुरातात्विक महत्व के चिन्ह अग्रोहा के गौरवमयी इतिहास की गाथा की पुष्टि करते हैं। 
  • यह स्थल चैथी शताब्दी तक काफी फला-फूला। इस स्थान पर ईटों से निर्मित भवन के अवशेष कुषाण काल से गुप्तकाल के इतिहास की जानकारी देते हैं। थेह के ऊपर बुद्ध स्तूप परिसर की खोज एक बड़ी उपलब्धि है।
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  • शिखर दुर्ग अग्रोहा सन् 1777 में महाराजा पटियाला के दीवान् नानूमल द्वारा अग्रोहा थेह पर नगर की रखवाली व सुरक्षा के लिए बनवाया गया शिखर दुर्ग ।
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Note :

 

  • एशिया की सबसे बड़ी ऑटो मार्केट यही पर स्थित है।
  • एशिया का सबसे बड़ा पशु फार्म, यहां कांग्रेस की स्थापना 1887 में लाला लाजपत राय ने की थी।
  • एशिया की सबसे बड़ी इस्पात इंडस्ट्री, हिसार कैंट की स्थापना 15 नवंबर1982 में की गई थी |
  • हांसी क्षेत्र में जटवा नामक राजपूत के नेतृत्व में सितंबर 1192 में गोरी की सेना के साथ युद्ध हुआ था।
  • जॉर्ज थॉमस ने 1797 में हंसी को अपनी राजधानी बनाया और सर्वप्रथम फांसी में टकसाल (जहां सिक्के बनाए जाते हैं) स्थापित की थी।
  • अनिता कुंडू माउंट एवरेस्ट पर चीन तथा नेपाल दोनों तरफ से चढ़ने वाली हिसार के उकलाना के फ्रीदपुर नामक गांव से संबंध रखती हैं।
  • इस जिले में प्रदेश का पहला मॉडल एंप्लॉयमेंट गाइड एंड काउंसलिंग सेंटर बनाया गया है |
  • हांसी में असीरगढ़ का 12वीं सदी में बनवाया गया था।
  • लोकसभा क्षेत्र में इस जिले से सबसे युवा सांसद दुष्यंत चौटाला है।
  • हिसार एशिया की सबसे बड़ी इस्पात मंडी है। हिसार में पर्यावरण न्यायालय भी है
  • नोट: हरियाणा में केवल 2 जगह पर्यावरण न्यायालय है पहला हिसार और दूसरा फरीदाबाद
  • हिसार की प्रसिद्ध मिठाई पेड़ा है
  • हिसार में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है और कार्गो हवाई अड्डा बनेगा जिसमे हवाई जहाजों की मरम्मत हो सकेगी
  • एशिया की सबसे बड़ी ऑटो मार्किट हिसार में है
  • एशिया का सबसे बड़ा पशु फार्म हिसार में है।
  • हिसार का सिसाय गांव हरियाणा का सबसे बड़ा गांव है।
  • हरियाणा का पहला WiFi गांव जुगलान है जिसे दुष्यंत चौटाला ने बनवाया है राजीव गाँधी थर्मल पावर प्लांट खेदड़ हिसार में है
  • हिसार में सिंचाई भाखड़ा नहर से होती है और हांसी में सिंचाई पश्चिमी यमुना नहर
  • से होती हैं
  • हिसार का नृत्य गणगौर नृत्य है
  • Marvel Tea का उद्योग हिसार में है उकलाना में
  • हांसी का युद्ध 1037 में मसूद और कुमार देव के बीच हुआ था
  • हिसार की स्थापना 1354 में फ़िरोज़शाह तुगलक ने की थी
  • ईस्ट  इंडिया कंपनी ने हिसार में 1809 में कैटल फार्म की स्थापना की
  • हांसी से 1857 की क्रांति का नेतृत्व हुकुम सिंह ने किया था • हांसी का वर्णन बिजोलिया अभिलेख में मिलता है
  • हांसी का किला पृथ्वीराज चौहान ने बनवाया है.
  • लाला हरदेव सिंह ने 1936 में ग्राम सेवक समाचार पत्र निकाला
  • मुर्राह भैंस का कौशल विकास केंद्र फतेहाबाद में है। हिसार जिले की मुर्राह नस्ल की भैंस सरस्वती ने 32.66 लीटर दूध देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
  • लाला लाजपत राय ने 1886 में आर्य समाज की शाखा स्थापित की और 1887 में हिसार में कांग्रेस की शाखा खुलवाई
  • हरियाणा विधुत कारपोरेशन बोर्ड की स्थापना Haryana Vidhut Corporation Board 1997 में हुई थी –
  • Haryana Vidhu Corporation Board हरियाणा विधुत कारपोरेशन बोर्ड 1999 में 2 भागों में बट गया जो निम्न है: UHBVN और DHBVN
  • आकाशवाणी केंद्र और दूरदर्शन केंद्र हिसार जिले में ही है
  • आकाशवाणी केंद्र 26 जनवरी 1999 में बना
  • दूरदर्शन केंद्र 1 नवंबर 2002 में बना –
  • हिसार में लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय 2010 में बना
  • हिसार एक नगर निगम है
  • आसीरगढ़ का किला भी हिसार में है जो पृथ्वीराज चौहान ने बनवाया था हांसी में
  • आसीरगढ़ के किले को जॉर्ज थॉमस ने अपनी राजधानी बनाया था
  • जॉर्ज थॉमस ने हांसी में जहाज कोठी का निर्माण करवाया
  • आसीरगढ़ के किले को तलवारो का किला भी कहा जाता है
  • हांसी में तलवारो का कारखाना लगवाया था दोपहर नमक व्यक्ति 
  • हांसी जिले में बुआ कुंवारी का मंदिर है
  • हिसार का हांसी जिला पुलिस जिला है और हांसी हरियाणा की सबसे बड़ी तहसील है और हांसी का पुराना नाम आसी था
  • नोट: हरियाणा में 2 पुलिस जिले है एक हांसी और दूसरा मानेसर • 1354 में फ़िरोज़शाह तुगलक ने 4 गेट बनवाये मोरी गेट, नागौरी गेट, दिलली गेट, तलाकी गेट
  • हिसार हरियाणा का सबसे ठंडा जिला भी और सबसे गर्म जिला भी है। हिसार में गुजरी महल है जो फ़िरोज़शाह तुगलक ने अपनी प्रेमिका गुजरी की याद में बनवाया था। गुजरी का वास्तविक नाम रुक्सी था। गुजरी महल में ही लाट की मस्जिद है
  • गुजरी महल में भूमिगत जेल है
  • गुजरी महल में ही दीवान ऐ आम है जो फ़िरोज़शाह तुगलक की कचहरी कहलाती थी
  • हिसार के साथ किस राज्य की सीमा लगती है राजस्थान

हिसार के प्रजनन केंद्र

  •  भेड़ प्रजनन केंद्र -1985 में 
  • भैंस प्रजनन केंद्र -1985 में
  • अश्व प्रजनन केंद्र -1986 में
  •  सूअर प्रजनन केंद्र -1986 में

 हिसार के प्रसिद्ध व्यक्ति

  •  लाला लाजपत राय इन्होने 1886 में आर्य समाज की शाखा स्थापित की और 1887 में हिसार में कांग्रेस की शाखा खुलवाई
  •  मल्लिका शेरावत और यशपाल शर्मा फ़िल्मी कलाकार भी हिसार से है .
  •  पंडित जसराज इनका जन्म 28 जनवरी 1930 में हुआ और मृत्यु 17 अगस्त 2020 में हुई है 
  •  पहलवान चंदगीराम भी हिसार जिले से हैं जिन्हें भारत केशरी और हिन्द केसरी कहा जाता है
  •  गीतिका जाखड़ और ललिता सेहरावत दोनों हिसार से है और ये दोनों कुश्ती की खिलाड़ी हैं
  •  चंद्रावल फिल्म की हीरोइन उषा शर्मा भी हिसार से हैं 
  • पर्वतारोही अनीता कुंडू, शिवांगी पाठक और माडवी गर्ग भी हिसार जिले से हैं
  •  अनीता कुंडू : माउन्ट एवरेस्ट पर दोनों साइड से चढ़ने का रिकॉर्ड बनाया है और अर्जेंटीना की चोटी अकोकागोवा पर भी चढ़ने का रिकॉर्ड बनाया है। 
  • शिवांगी पाठक: सिर्फ 16 साल की आयु में माउन्ट एवरेस्ट पर चढ़ने का रिकॉर्ड बनाया हैं
  • माडवी गर्ग : अंधी होते हुए भी माउन्ट एवरेस्ट पर चढ़ने का रिकॉर्ड बनाया है 
  • हरियाणा के पहले राज्य कवि उदयभानु हंस भी हिसार जिले से है।
  •  उदयभानु हंस की कविता का नाम “देशा में देश हरियाणा”
  •  लेख राम जिन्होंने रोहतक में बम्ब बनाया था वो भी हिसार जिले से है
  •  हरियाणा के प्रसिद्ध कवि विष्णु प्रभाकर भी हिसार जिले से है।
  •  हरियाणा के प्रसिद्ध सांगी रामकृष्ण व्यास भी हिसार जिले से है
  •  कृष्णा पुनिया भी हिसार जिले से है
  •  कुचिपुड़ी नृत्यांगना शालू जिंदल भी हिसार जिले से है
  •  नोट: 
  • शालू जिंदल, नवीन जिंदल की पत्नी है और नवीन जिंदल ने ही आम आदमी को तिरंगा झंडा फहराने की अनुमति दिलवाई थी
  • हिसार जिले के सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट में जज बने है और 2025 में वे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी बनेंगे
  • हिसार की झीले ब्लू बर्ड ब्लैकबर्ड

हिसार के पर्यटन स्थल

 

  • . राखीगढ़ी: राखीगढ़ी की खोज सूरजभान ने की थी (किसी किसी बुक में अमरनाथ भी दिया गया है लेकिन सूरजभान सही है) प्राचीन समय में राखीगढ़ी चोटांग नदी जिसका दूसरा नाम दृष्द्ती नदी है उस के किनारे पर बसा हुआ था  सूरजभान कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से थे
  • राखीगढ़ी से एक व्यक्ति का कंकाल और मिट्टी के बर्तन मिले है 2019 में राखीगढ़ी से 2 कंकाल और मिले जिसमे एक पुरुष का था और स्त्री का था
  • जो, चावल और शंख भी राखीगढ़ी से मिले हैं। टेराकोटा की ईट और मनके के अवशेष भी राखीगढ़ी से मिले है।
  • अग्रोहा इसका प्राचीन नाम अग्रोदक था और यह महाराजा अग्रसेन की राजधानी थी
  • अग्रोहा का मंदिर का निर्माण 1976 में शुरू हुआ था और 1984 में यह मंदिर बना और यह मंदिर एक ईट और एक रुपया के नारे पर बना था
  • अग्रोहा नेशनल हाईवे 9 पर है
  • नोट : हिसार में 2 नेशनल हाईवे है पहला 9 और दूसरा 52
  • अग्रोहा से संगीत के 7 स्वर के साक्ष्य मिले है और अग्रोहा से प्राचीन टक्साले भी मिली है।

हिसार के मेले

  • किसान मेला
  • गोगा नवमी का मेला
  • अग्रसेन जयंती मेला
  • शिवजी का मेला

हिसार के मंदिर

  • जैन मंदिर
  • बिश्नोई मंदिर
  • देवी भवन मंदिर

हिसार के स्टेडियम

  • महावीर स्टेडियम

हिसार के प्रमुख उद्योग

  • चीनी उद्योग
  • ऊन उद्योग
  • कपडा उद्योग
  • लोहा और स्टील उद्योग
  • पाइप उद्योग

हिसार के गुरुद्वारे

  • हिसार में नागौरी गेट पर गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा है
  • सेंट थॉमस चर्च हिसार में है

विश्वविद्यालय

  • चौधरी चरणसिंह कृषि विश्वविधालय हिसार
  • गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार
  • लाला लाजपत राय पशु विज्ञान विश्वविद्यालय

राष्ट्रीय संस्थान

  • लघु सचिवालय हिसार- राजगढ़ मार्ग पर स्थित आधुनिक एवं भव्य चार मंजिला – लघु सचिवालय भवन का निर्माण सन् 1978 में किया गया और सन् 1979 से उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त उपायुक्त सहित जिले के प्रमुख विभाग यहां पर स्थापित हैं।
  • राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र -अश्वों के स्वास्थ्य एवं उत्पादन के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र की स्थापना सातवीं पंच वर्षीय योजना के अन्तर्गत हिसार में की गई।
  • यह संस्थान अश्वों की प्रमुख बीमारियों के उपचार तथा जैविक विकास हेतु भी कार्य कर रहा है। इसके साथ राष्ट्रीय प्रमाणित सुविधाओं को उपलब्ध कराते हुए यह अश्वों के स्वास्थ्य निरीक्षण एवं निगरानी की विविध व्यवस्था भी कर रहा है।
  • केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान इस संस्थान की स्थापना 1 फरवरी, 1985 को की गयी।
  • यह संस्थान भैंसों के सुधार के लिए जीव कोशिका संरक्षण, सन्तुलित आहार, चारा क्षेत्र का विकास, प्रजनन योग्यताओं में बढ़ोतरी, दूध, मांस तथा खाल के स्वास्थ्य प्रबन्धन आदि पहलुओं पर अनुसंधान करता है। 
  • उत्तरी प्रादेशिक फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं जांच संस्थान यह केन्द्र सन् -1963 में एक प्रशिक्षण संस्थान के रूप में शुरू हुआ। उत्तरी क्षेत्रीय प्रशिक्षण सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करने के अलावा संस्थान में डीजल, पेट्रोल और मिट्टी के तेल से चलने वाले छोटे इंजनों, सिंचाई के पम्पों और पौधरक्षण यंत्रों की प्रमाणक, भिन्न योजनाओं के अन्तर्गत भारतीय मानक संस्थान द्वारा प्रमाणित जांच प्रयोगशाला भी स्थापित है।
  • हरियाणा अन्तरिक्ष अनुप्रयोग केन्द्र हरसैक के नाम से प्रख्यात चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के प्रांगण में 26 फरवरी 1986 को स्थापित यह केन्द्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग हरियाणा की एक स्वायत संस्था है। 
  • इसका उद्देश्य अन्तरिक्ष तकनीक, भू-सूचना प्रणाली तथा ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम आदि आधुनिक तकनीकों के माध्यम से राज्य के प्राकृतिक संसाधनों, पर्यावरण तथा ढांचागत सुविधाओं के सर्वेक्षण तथा प्रबन्धन में सहायता करना है।
  • इण्डो आस्ट्रेलियन लाईव स्टाक फार्म इसकी स्थापना सन् 1974-75 में आस्ट्रेलिया सरकार के सहयोग से की गई थी। यहां पर सैंकड़ो पशु प्रमुखतया जर्सी फेसियन और क्रास नस्ल के हैं। फार्म 500 एकड़ भूमि पर स्थित है तथा हिसार से 7 किलोमीटर की दूरी पर हिसार- बरवाला सड़क पर स्थित है।

  • इण्डो आस्ट्रेलियन भेड प्रजनन फार्म इसकी स्थापना 1969-70 में आस्ट्रेलियन सरकार के सहयोग से की गई थी।

  • यह फार्म लगभग 2000 हेक्टेयर भूमि पर विकसित है तथा हिसार से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

  • विज्ञान, प्राद्योगिकी, कृषि व चिकित्सा शिक्षा – हिसार शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यहां स्थापित तीन विश्वविद्यालय एवं एक मेडिकल कॉलेज प्रदेश व पड़ोसी राज्यों से आने वाले छात्र-छात्राओं को विज्ञान, व्यावसायिक एवं सामयिक शिक्षा की मांग को पूरा कर रहे हैं।

  • चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय – पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा हिसार में स्थापित कैम्पस वेटरनरी कॉलेज 2 फरवरी, 1970 को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के रूप में अस्तित्व में आया जो वर्तमान में चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के रूप में विकसित हैं, जिसमें एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर, होम सांइस, बेसिक सांइस, स्पोट्र्स एवं एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग व कई अन्य कोर्स की शिक्षा दी जाती है। Haryana Agriculture University (HAU) (हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी) 1970 में बनी लेकिन 1991 में Haryana Agriculture University (HAU) का नाम बदलकर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय रख दिया गया और चौधरी चरण सिंह के जन्म दिन यानि 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

  •  इस विश्वविद्यालय की संरचना में प्रथम कुलपति ए. एल. फ्लेचर, आई.सी.एस. (सेवानिवृत) का बहुत बड़ा योगदान रहा। यह विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा, शोध एवं उत्तम तरीके के बीज विकसित करने एवं उसके उत्पादन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कृषि के क्षेत्र में नित नए आविष्कार के कारण यह विश्वविद्यालय देश के खाद्यान्न भण्डार को समृद्ध बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।।

  • गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार की स्थापना 20 अक्तुबर 1995 को की गई। इस विश्वविद्यालय में विज्ञान, प्रौद्योगिकी से संबंधितत स्नातक एवं स्नातकोतचर तथा शोध के विविध पाठ्यक्रम संचालित है।

  • शैक्षणिक विकास के क्रम में इस विश्वविद्यालय का मॉनीटोबा वि.वि., मेरीलैण्ड वि.वि., जार्ज वाशिंगटन वि.वि., टी.सी.जी. लाइफ सांइसेज, कोलकाता, बार्क, मुम्बई, आई.सी.आई. नई दिल्ली, एडिसिल नोएडा आदि के साम एम.ओ.यू. अनुबंध है। हाल ही में इस विश्वविद्यालय में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के प्रेक्षागृह का निर्माण किया गया है।

  • लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय – लाल लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना 1 दिसम्बर 2010 को की गई। पशु चिकित्सा महाविद्यालय का साठ वर्षों का इतिहास गौरव पूर्ण रहा है।

  • हिसार के चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से जुड़ा यह महाविद्यालय अब ‘पंजाब केसरी’ राष्ट्रभक्त लाला लाजपत राय की स्मृति में एक स्वतंत्र विश्वविद्यालय का रूप ले चुका है। शैक्षणिक सुविधाओं के अतिरिक्त /पशुचिकित्सालय, प्रयोगशालाएं, शोध हेतु पशु शाला एवं बाड़ा उपलब्ध है। इस है। उद्योग व नगर विकास कृषि, शिक्षा के क्षेत्र में विकास के साथ-साथ हिसार ने उद्योग स्थापित हुए परन्तु वास्तविक विकास 1 नवम्बर 1966 को हरियाणा प्रांत विश्वविद्यालय के नये परिसर का निर्माण 300 एकड़ भूमि खण्ड पर किया जा रहा

  • औद्योगिक एवं अन्य क्षेत्र के विकास में नये आयाम स्थापित किए। सन् 1947 से पहले हिसार में केवल एक बिनौला फैक्टरी थी। आजादी के बाद अनेक छोटे-बड़े बनने के बाद हुआ। 

  • जहां हरियाणा टेक्सटाईल मिल की स्थापना हुई वहीं जिंदल उद्योग ने हिसार को प्रसिद्धि दिलवाई। आयरन फरनिश, सरिया, बाल्टी आदि विभिन्न प्रकार के उद्योगों ने शहर के विकास में अहम् भूमिका निभाई तो जिंदल उद्योग को हिसार को उद्योग जगत में नाम दिलाने का श्रेय जाता है। विद्युत ऊर्जा आपूर्ति हेतु राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट खेदड़ स्थापित किया गया है। जो प्रगति के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहा है।

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